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आर्थिक आधार पर आरक्षण देने पर विचार कर रही मोदी सरकार

नई दिल्ली। भाजपा की सरकार को केंद्र की सत्ता में आए हुए 4 साल से ज्यादा का वक्त हो गया है। इस सरकार की उपलब्धियों में सबसे बड़ी उपलब्धी यह है कि इस सरकार में पिछली सरकार के जैसे कोई घोटाले नहीं हुए। अब मोदी सरकार इन उपलब्धियों से एक कदम आगे बढ़कर कुछ ऐसा करने जा रही है जो आजाद भारत के इतिहास में इससे पहले कभी नहीं हुआ। खबर है कि सरकार आर्थिक आधार पर आरक्षण देने पर विचार कर रही है।

सूत्रों के मुताबिक अभी इस पर प्रारंभिक स्तर पर बातचीत चल रही है। आर्थिक आधार पर आरक्षण देने के लिए सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती यह है कि पहले से जो संविधान के तहत आरक्षण दिया जा रहा है उससे कोई छेड़छाड़ न की जाए। ऐसा तभी संभव है जब केंद्र सरकार संविधान में संशोधन करे। आपको बता दें कि मौजूदा समय में संविधान के मुताबिक 50 फीसद से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। संविधान में संशोधन के लिए केंद्र सरकार को संसद में संविधान संशोधन बिल लाना होगा जिसके बाद ही आर्थिक स्थिति के आधार पर आरक्षण संभव हो सकेगा।

सरकार के उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि 15% से 18% आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जा सकता है ऐसा करने से बार-बार नई- नई जातियों से उठने वाली आरक्षण की मांग का निदान हो सकेगा। हालांकि केंद्र सरकार किसी नतीजे पर नही पहूँची है। सूत्रों के मुताबिक आर्थिक आधार पर आरक्षण पर प्रधानमंत्री मोदी आखिरी फैसला लेंगे।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH