नई दिल्ली। थाईलैंड की थैम लुआंग गुफा में बीते 18 दिनों से फंसे 12 बच्चों और उनके कोच को आखिरकार बाहर निकाल लिया गया। बच्चों के बाहर आने के बाद से ही पूरे थाईलैंड में जश्न का माहौल है। सभी इस ऑपरेशन में शामिल रहे लोगों को भगवान का दूत बता रहे हैं। थाईलैंड की नौसेना ने गोताखारों के साथ मिलकर यह अभियान चलाया और पहले-दूसरे दिन 4-4 लड़कों को बाहर निकलाने में कामयाब रही। वहीं, तीसरे और चौथे दिन सेना ने सेना ने गोताखोरों की मदद से चार लड़कों और उनके कोच को बाहर निकाला। खास बात ये है कि इस ऑपरेशन में महाराष्ट्र के सांगली जिले के किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड कंपनी के डिजाइनिंग इंजीनियर प्रसाद कुलकर्णी और श्याम शुक्ला ने अहम भूमिका निभाई है।
जानकारी के मुताबिक प्रसाद कुलकर्णी और श्याम शुक्ला भी थाइलैंड द्वारा काम पर लगाई गई पंप बनाने वाले कंपनी किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड की सात सदस्यीय टीम का हिस्सा थे। प्रसाद कुलकर्णी महाराष्ट्र के सांगली जिले और श्याम शुक्ला पुणे के रहने वाले है। थाईलैंड सरकार ने प्रसाद कुलकर्णी और उनकी टीम का शुक्रिया अदा किया है। यह टीम जल्द ही भारत वापस आने वाली है। ब्रदर्स लिमिटेड की सात सदस्यीय टीम में दो भारतीयों के अलावा एक नीदरलैंड्स और एक युनाइटेड किंगडम का सदस्य था और बाकी सभी लोग थाइलैंड ऑफिस से थे।
किर्लोस्कर में प्रोडक्शन डिजाइनर हेड कुलकर्णी ने कहा, हमारा काम गुफा से पानी निकालने का था, जिसमें 90 डिग्री तक के मोड़ हैं। लगातार हो रही बारिश ने बहुत परेशानी खड़ी की क्योंकि पानी का स्तर कम ही नहीं हो रहा था। जनरेटर से मिल रही पावर सप्लाइ भी निरंतर नहीं थी। इसलिए हमें छोटे पंप इस्तेमाल करने पड़े। कुलकर्णी पिछले 25 साल से सांगली में किर्लोस्कर वाडी में काम कर रहे हैं।