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पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की बेटी इस बार लड़ेंगी चुनाव

बेनज़ीर भुट्टो पाकिस्तान की कमान संभालने वाली पहली महिला प्रधानमंत्री थीं। बेनज़ीर की हत्या के 11साल बीत चुके हैं। उनके कत्ल का फरमान जारी करने वालों के बारे में दुनिया जितना जान पाई, उससे ज़्यादा लोगों ने देखा कि पाकिस्तान में सिस्टम कैसे काम करता है।

वो 27 दिसंबर, 2007 की तारीख थी, जब 15 साल के खुदकुश हमलावर बिलाल ने एक धमाका किया और बेनज़ीर की मौत हो गई। रावलपिंडी में एक चुनावी रैली में बेनज़ीर अपना भाषण खत्म कर लौट रही थीं, बिलाल उनकी कार के पास चले गए, पहले उन्हें गोली मारी और फिर खुद को उड़ा दिया।

आज बेनजीर भुट्टो और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की बेटी आसिफा भुट्टो जरदारी 25 जुलाई को देश में होने वाले आम चुनाव में अपनी माँ का सपना पूरा करने के लिए चुनाव लड़ने जा रही हैं आसिफा भुट्टो 3 फरवरी 1993 को जन्मीं, इस साल 25 साल की होने के बाद आसिफा चुनाव में नामांकन भरने के लिए योग्य हो गई हैं।

उनका बड़ा भाई बिलावल भुट्टो जरदारी पाक की राजनीति का जाना-माना चेहरा है। वह इस समय पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष हैं और लरकाना सीट से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। वहीं आसिफा के पिता आसिफ अली जरदारी नवाबशाह से चुनाव लड़ेंगे।

पहली बार चुनावों में उतर रहीं आसिफा दो सीटों ल्यारी और टंडो अल्लाह यार से चुनाव लड़ सकती हैं। उन्होंने हाल ही में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से अपनी स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की है। आसिफा के नाना जुल्फिकार अली भुट्टो और मां बेनजीर भुट्टो दोनों ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। वह पाकिस्तान में पोलियो अभियान की एंबेसडर हैं। वह पहली ऐसी बच्ची थीं जिन्हें कि पोलियो का टीका लगा था।

अपनी मां बेनजीर की तरह आसिफा भी पाकिस्तान में शांति और सुरक्षा लाना चाहती हैं। वह पिछले कुछ सालों से क्लीनर सिंध अभियान का हिस्सा रही हैं। इस अभियान की शुरुआत उन्होंने कराची के ल्यारी शहर से की थी।

पाकिस्तान के स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार लाने की कोशिश करती रहती हैं। आसिफा टंडो अल्लाह यार से एक पंजीकृत मतदाता हैं। आसिफा पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के समर्थकों के बीच एक पसंदीदा नेता हैं। जल्द ही अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करने वाली आसिफा एक मानवाधिकार कार्यकर्ता भी हैं।

 

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