कल यानि 13 जून बुधवार को हैं अमावस्या की रात, आपको बता दे यह माह मलमास मास के ज्येष्ठ महीने की स्नान-दान आदि की अमावस और विश्राम तिथि है। यह दिन आपके लिए बहुत ही सौभाग्यशाली फल देने वाला है। हर मनोवांछित इच्छा को पूरा करने वाला है। अगर आप भला चाहते हैं तो महिला-पुरुष 24 घंटे के दौरान खास बरतें यह सावधानी।
अमावस्या के दौरान नकारात्मक शक्तियों की ताकत बढ़ जाता है। जैसे श्मशान घाट या कब्रिस्तान से दूरी बनाकर रखें अन्यथा वो आप पर हो सकते हैं हावी।
खुद को मानसिक रूप से हमेशा स्ट्रांग बनकर रहें क्योंकि ऊपरी शक्तियां कमजोर लोगों को अपना शिकार जल्दी बनाती हैं। ऐसी ऊपरी बाधाओं के प्रभाव से पीछा छुड़ाना बहुत मुश्किल होता है।
सुबह जल्दी उठकर मंदिर जाकर पूजा-पाठ करें।
महिला-पुरुष को एक दूसरे से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। गरुड़ पुराण में बताया गया है, अमावस्या अथवा शुभ तिथियों पर जो लोग ब्रह्मचार्य का पालन नहीं करते, उनसे पैदा होने वाली संतान लाख़ प्रयत्न करने पर भी सुखी नहीं रह सकती।
लहसुन-प्याज, शराब और मांस से दूरी बनाकर रखें।
शरीर पर तेल न लगाएं।
चटाई पर न सोएं, दिन में भी न सोएं।
शेव, हेयर-नेल कटिंग भी न करें।
घर में सुख, शांति और खुशहाली का माहौल बनाकर रखें।
क्रोध और कड़वे वचनों से बचें।
श्रृंगार न करें, सादगी बनाए रखें।