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अब ग्राहक को नहीं लौटना पड़ेगा सामान, फ्लिपकार्ट अब अचानक करेगा सेलर्स के प्रॉडक्ट्स की जांच

फ्लिपकार्ट पर जो लोग सामान खरीदते हैं उनके लिए खुशख़बरी  हैं  भारत में ई-कॉमर्स कंपनियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि प्रॉडक्ट की क्वॉलिटी से असंतुष्ट होकर करीब 30 फीसदी लोग सामान लौटा देते हैं। अब फ्लिपकार्ट ने  इससे निपटने के लिए खास तैयारी की है।

फ्लिपकार्ट कंपनी ने अपने सभी सेलर्स को भेजे ई-मेल में कहा है कि यदि वे ऑडिट में पास नहीं होते हैं तो उन्हें प्लैटफॉर्म से बाहर किया जा सकता है या फिर वो अपना फ्लिपकार्ट अशुअर्ड बैच (चुनिंदा प्रॉडक्ट्स को मिलने वाला क्वॉलिटी और स्पीड बैच) खो देंगे।

फ्लिपकार्ट प्रॉडक्ट्स की गुणवत्ता बढ़ाकर अगले 12 महीनों में रिटर्न रेट को घटाकर 10-15 फीसदी करने का लक्ष्य रखा है। भारत के सबसे बड़े ई-कॉमर्स कंपनी को इसी महीने अमेरिकी रिटेल कंपनी वॉलमार्ट ने 16 अरब डॉलर में खरीदने का ऐलान किया है। कंपनी आने वाले सालों में मुनाफे में आना चाहती है।

हालांकि, फ्लिपकार्ट ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि उसका रिटर्न रेट क्या है, लेकिन ई-कॉमर्स इंडस्ट्री के लिए यह बड़ी चुनौती है और इसकी वजह से कंपनी के साथ सेलर्स के राजस्व को भी नुकसान होता है।

ई-कॉमर्स सेक्टर पर नजदीक से निगाह रखने वाले रेडसीर कंसल्टिंग ने पाया कि सबसे अधिक रिटर्न और कैंसिलेशन फैशन कैटिगरी में होता है और मोबाइल-अप्लायंसेज में यह दर सबसे कम है। रेडसीर रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हम महसूस करते हैं कि इंडस्ट्री को यह सुनिश्चत करना होगा कि ग्राहकों तक सही सामान पहुंचे क्योंकि 30 फीसदी राजस्व का नुकसान बहुत अधिक है।’

फ्लिपकार्ट

भारत की रिटेल ऑनलाइन सामान बेचने वाली कंपनी है इसकी स्थापना अक्टूबर 2007 में हुई थी। फ्लिपकार्ट की शुरुआत सचिन बंसल और बिन्नी बंसल ने की थी। शुरुआत में फ्लिपकार्ट की स्थापना ऑनलाइन किताबे बेचने वाली कंपनी के तौर पर हुई थी।

फिलहाल फ्लिपकार्ट के देशभर में 21 आधुनिक वेयर हाउस हैं और कंपनी हर महीने करीब 8 करोड़ शिपमेंट भेजती है। कंपनी के 10 करोड़ रजिस्टर्ड यूजर्स हैं और 1 लाख सेलर कंपनी के साथ जुड़े हैं। 2015 में अपनी डिलिवरी सर्विस को और दुरुस्त करने के लिए फ्लिपकार्ट ने मैप माइ इंडिया डॉट कॉम में हिस्सेदारी खरीदी थी।

 

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