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ज़हरीली शराब पीने से 13 लोगों की हुई मौत

कब तक सोया रहेगा प्रशासन और कितनों की लेगी ये ज़हरीली शराब जान, ना जाने कितने ऐसे मामले अब तक आ चुके हैं, लेकिन हमारा प्रशासन अपने कानो में तेल डाल कर बैठा हैं.  शनिवार और रविवार के दिन कानपुर नगर और कानपुर देहात के कई लोगों के लिए जानलेवा साबित हुए और कई घरों में अभी भी मातम है.

खबरों के मुताबिक  इन लोगों ने शराब सरकारी ठेके से ही ख़रीदी थी लेकिन सरकारी शराब भी ज़हरीली निकल सकती है, शायद इसका अंदाज़ा इन्हें नहीं था. शनिवार को छह लोगों की मौत कानपुर नगर के सचेंडी इलाक़े में और जबकि रविवार को छह और लोगों की मौत कानपुर देहात के रूरा क्षेत्र में हुई.

कई लोग गंभीर रूप से बीमार हैं और उनमें से ज़्यादातर को कानपुर के हैलट अस्पताल में दाख़िल कराया गया है. पुलिस ने फ़िलहाल चार लोगों को गिरफ़्तार किया है जिनमें मुख्य अभियुक्त विनय सिंह भी शामिल हैं.

सरकार ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और बीमार लोगों को पचास हज़ार रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है. रविवार को हैलट अस्पताल पहुंचे उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने कहा कि दोषियों को बख़्शा नहीं जाएगा.

कानपुर नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अखिलेश कुमार का कहना था कि मामले की कई स्तर पर जांच की जा रही है और दोषियों के ख़िलाफ़ गैंगस्टर ऐक्ट जैसी धाराओं में भी कार्रवाई हो सकती है. मुख्य अभियुक्त की लोकल ब्रैंड की शराब का नेटवर्क कानपुर और पड़ोसी ज़िलों में फैला हुआ है. एसएसपी कुमार का कहना था कि इसमें आबकारी विभाग के कर्मचारियों और पुलिस की मिलीभगत के एंगल से भी जांच की जा रही है.

खबरों के मुताबिक शुक्रवार रात शराब पीने के बाद कई लोगों को पेट में जलन और दर्द के बाद मुंह से खून आने लगा. कुछ लोगों ने तो अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया जबकि कुछ की मौत अस्पताल में हो गई.

सेल्समैन ने साथियों के साथ फूंक दी पेटियां

रुरा थाना क्षेत्र के मंडौली गांव में देसी शराब की दुकान से पिछले दो-तीन दिनों से गड़बड़ शराब बेची जा रही थी। माधुरी ब्रैंड शराब पीने की वजह से शुक्रवार को कुछ लोग बीमार हो गए थे। करीब 100 लोगों ने शनिवार को अलग-अलग समय पर यहां से शराब खरीदी। इसे पीने की वजह से बधईपुर मजरे के श्यामू सिंह को पेट में दर्द और जलन के बाद मुंह से खून आने लगा। इसके बाद रात में ही उनकी मौत हो गई। इसकी सूचना डायल 100 को देने पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। हैरानी वाली बात तो यह है कि पुलिस की मौजूदगी में भी ठेके से शराब की बिक्री धड़ल्ले से चलती रही। देर रात सेल्समैन ने अपने साथियों के साथ मिलकर अवैध शराब की पेटियों में आग लगा दी और मौके से भाग निकले।

 

घटना से गुस्साए लोगों ने दोनों जगह हंगामा किया जबकि पकड़े जाने की आशंका में दुकानदार ने सैकड़ों लीटर शराब खेतों में बहा दी. इलाक़े के लोगों का आरोप है कि पुलिस और आबकारी विभाग की मिलीभगत से अवैध शराब का कारोबार लंबे समय से हो रहा है.

इस पूरे मामले में कानपुर मंडल के कमिश्नर सुभाष चंद्र शर्मा ने कहा, ‘सरकारी दुकानों का गलत इस्तेमाल हुआ है। माधुरी ब्रैंड का बैच नंबर- 442 कहीं और बना है। इसे कानपुर मंडल में प्रतिबंधित कर दिया गया है। आरोपियों पर एनएसए लगेगा।’ कानपुर रेंज के आईजी आलोक सिंह ने कहा, ‘बिना मिलीभगत ऐसा नहीं हो सकता। रूरा में शनिवार रात शराब की एक बड़ी खेप पकड़ी गई है।’

इसी साल जनवरी महीने में बाराबंकी के देवा क्षेत्र में भी जहरीली स्प्रिट पीने से 12 लोगों की मौत हो गई थी.

 

 

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