लखनऊ

सीएमएस ने चौक शाखा की पूर्व प्रिंसिपल के खिलाफ धोखाधड़ी करने के लिए दर्ज कराई रिपोर्ट

सिटी मोन्टेसरी स्कूल ने अपने चौक शाखा की पूर्व प्रिंसिपल साधना बेदी उर्फ साधना चूड़ामणि और चौक शाखा के पूर्व लैब असिस्टेन्ट शीतला सहाय के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 420, 406, 467, 468 और 471 के अन्तर्गत ठाकुरगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। यह जानकारी सिटी मोन्टेसरी स्कूल के जन-सम्पर्क अधिकारी ऋषि खन्ना ने दी।

ऋषि खन्ना ने बताया कि सीएमएस चौक कैम्पस की जिन पूर्व प्रधानाचार्या साधना बेदी पर सीएमएस के नाम पर व्यक्तिगत लोन लेने का आरोप लगा है, उन्हें सीएमएस प्रबंधन ने प्रकरण की जानकारी होते ही विद्यालय के पैड का गलत इस्तेमाल करके लोगों से लोन लेने एवं उन्हें धोखा देने के आरोप में कार्यवाही करते हुए 29 जून, 2017 को नौकरी से निकाल दिया था। इसके बाद इस अवैधानिक कृत्य में चैक शाखा के लैब असिस्टेंट शीतला सहाय की संलिप्ता पाये जाने के बाद सीएमएस प्रबंधन ने उन्हें भी नौकरी से निकाल दिया था।

खन्ना ने बताया कि बेदी द्वारा 23 जून, 2017 को सीएमएस निदेशिका को लिखे गये पत्र में श्रीमती बेदी ने कहा कि वे जल्द ही अपना गोमती नगर स्थित मकान बेचकर के सबका लोन चुका देगी इसलिए अभी तक सीएमएस प्रबंधन ने जनहित को ध्यान में रखते हुए श्रीमती साधना बेदी के खिलाफ विद्यालय पैड का गलत इस्तेमाल करके अपने व्यक्तिगत काम के लिए लिये गये लोन के अवैधानिक कृत्य के लिए कोई एफआईआर विद्यालय की तरफ से दर्ज नहीं कराई थी।

हालाँकि पुलिस महानिदेशक को चार बार जाँच कराने का प्रार्थना पत्र भेजा था जिसमें यह भी बताया कि साधना बेदी ने अपने विभिन्न व्यक्तिगत बैंक अकाउंटों से कई लोगों के लोन अदा करने के लिए चेकें भी जारी की थीं। लेकिन अब लगभग 1 वर्ष का समय पूरा होने जा रहा है और अभी तक साधना बेदी ने सीएमएस के अभिभावकों एवं शिक्षकों आदि से ली गई लोन की धनराशि को वापस भी नहीं किया है ना ही बेदी के विरूद्ध कोई कार्यवाही हुई। अतः अब सीएमएस ने साधना बेदी व शीतला सहाय के खिलाफ भारतीय दण्ड संहित 1860 की धारा 420, 406, 467, 468 और 471 के अन्तर्गत ठाकुरगंज थाने में एफआईआर दर्ज करा दी है।

ऋषि खन्ना ने बताया कि सीएमएस प्रबंधन को दिनाँक 20 जून, 2017 को लिखे पत्र में तथा 27 जून 2017 को एक मीटिंग में भी चौक कैम्पस में टीचर्स के समक्ष (जिसकी ऑडियों रिकॉर्डिंग उपलब्ध है) साधना बेदी ने सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार किया था कि उन्होंने यह लोन अपने व्यक्तिगत कार्य के लिए लिया था तथा कहा कि स्कूल पैड का प्रयोग करना एक गलती थी, जिसके लिए उन्होंने सीएमएस प्रबंधन से माफी भी माँगी है। साधना बेदी ने अपने 20 जून के पत्र में यह भी लिखा कि उन्होंने सीएमएस लेटर पैड का गलत उपयोग करते हुए अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए कुछ अभिभावकों, सीएमएस स्टॉफ आदि से पैसा लिया था और इस पत्र में उन्होंने यह भी स्वीकारा कि चूंकि लोन उन्होंने अपने व्यक्तिगत काम के लिए लिया था इसलिए उन्होंने यह लेन-देन सीएमएस प्रबंधन को नहीं बताया।

खन्ना ने बताया कि साधना बेदी ने लोन ली गई इस धनराशि को चुकाने के लिए अपने स्वयं के चार अलग-अलग बैंक खातों से ऋण अदा करने के लिए चेकें भी लोगों को दीं थीं। उदाहरण के लिए साधना बेदी ने स्कूल के पैड पर स्कूल की मोहर के साथ एक-एक लाख रूपये की 15 रसीदें अवैधानिक रूप से इन्द्रजीत अरोड़ा को देकर उनसे 15 लाख रूपये प्राप्त कियें। और इस 15 लाख रूपये को इन्द्रजीत अरोड़ा को वापस करने के लिए साधना बेदी ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया चौक शाखा के अपने निजी खाते की तीन चेकें जो कि क्रमशः रूपये 5.70 लाख की थी, ब्याज सहित इन्द्रजीत अरोड़ा को दीं थी। अपने इस अवैधानिक कृत्य के लिए साधना बेदी ने सी.एम.एस. प्रबंधन से लिखित रूप में दिये गये पत्रों दिनाँक 16 जून व 20 जून, 2017 के द्वारा माफी भी मांगी थी।

ऋषि खन्ना ने बताया कि यहाँ उल्लेखनीय है कि जिन लोगों से साधना बेदी ने अपने व्यक्तिगत काम के लिए सी.एम.एस. के लेटर पैड का गलत इस्तेमाल करते हुए लोन लिया था उनमें से सीएमएस चौक कैम्पस की 12 शिक्षिकाओं ने पुलिस महानिदेशक को 27 नवम्बर 2017 को भेजे गये अपने प्रार्थना-पत्र में लिखा कि उन्होंने कुछ लोन साधना बेदी को दिये थे और अपने इस प्रार्थना पत्र में उन्होंने साधना बेदी के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने का निवेदन भी किया था।

खन्ना ने बताया कि सीएमएस प्रबंधन ने 4 अगस्त, 2017 को तत्कालीन पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह से व्यक्तिगत रूप से मिलकर पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच व उचित कार्यवाही के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। इसके बाद स्कूल ने पुलिस महानिदेशक को 19 सितम्बर व 9 दिसम्बर, 2017 को भी दोबारा इस विषय पर जाँच करने का प्रार्थना पत्र भेजा और नये पुलिस महानिदेशक को 10 फरवरी, 2018 को पुनः जाँच कराने का प्रार्थना पत्र भेजा और मार्च, 2018 में उनसे स्कूल प्रबंधन स्वयं इसी विषय में मिला भी था।

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Vineet Bajpai
the authorVineet Bajpai
Senior Reporter & Copy Editor