उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां शनिवार को कहा कि जीवन जीना एक कला है और जिसने भी पूरी ऊर्जा के साथ इस दिशा में प्रयास किया है, उसके लिए जीवन में कुछ भी कठिन नहीं है। इसके लिए जरूरी है कि हम दिव्यांगजनों के प्रति अपना नजरिया बदलें, क्योंकि जीवन में कुछ करने के लिए वास्तव में नजर से ज्यादा महत्वपूर्ण नजरिया होता है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी दिव्यांगजनों के उत्थान, स्वावलंबन, कल्याण व विकास के लिए प्रदेश सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के अटल बिहारी वाजपेयी प्रेक्षागृह में आयोजित विवि के चौथे दीक्षांत समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
आज डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ के चौथे दीक्षांत समारोह का माननीय राज्यपाल श्री राम नाईक जी के साथ दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। pic.twitter.com/wyEmJ4Dqu0
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इस मौके पर उन्होंने 77 मेधावी छात्र-छात्राओं को 103 पदक व 829 विद्यार्थियों को डिग्री दी गई। पदक पाने वालों में 49 छात्राएं और 26 छात्र रहे। सीएम योगी ने कहा कि मैं पदक पाने वाले सभी युवाओं को बधाई देता हूं और आशा करता हूं कि आप सभी अपनी प्रतिभा का उपयोग करते हुए समाज और राष्ट्र के निर्माण में अहम भूमिका निभाएंगे।
इस अवसर पर दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं को माननीय राज्यपाल श्री राम नाईक जी के साथ पदक वितरित किए। पदक पाने वाले सभी छात्र-छात्राओं को हृदय से बधाई दी और उनके उज्जवल व मंगलमय भविष्य की कामना की। pic.twitter.com/JhXD4vOSUY
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उन्होंने छात्रों को आंध्र प्रदेश के बेहद गरीब दिव्यांग के बारे में बताते हुए कहा कि जीवन में कुछ करने के लिए वास्तव में नजर से ज्यादा महत्वपूर्ण नजरिया होता है। योगी ने ऋषि अष्टावक्र, कवि सूरदास और हाल ही में दिवंगत हुए महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का उदाहरण देते हुए कहा कि ईश्वर की हर कृति में अपार प्रतिभा छिपी होती है।
मनुष्य ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति है। इसके साथ भेदभाव सृष्टि के साथ अन्याय है। प्रतिभा हर मनुष्य में होती है। यह किसी व्यक्ति, जाति की मोहताज नहीं है। प्रतिभा को मंच की आवश्यकता होती है। डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय यही मंच देने का कार्य कर रहा है। pic.twitter.com/FBvkZvxcsj
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योगी ने कहा कि मनुष्य ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति है। किसी व्यक्ति के साथ उसकी क्षमता को लेकर भेदभाव नहीं किया जा सकता। हर व्यक्ति को प्रतिभा प्रदर्शित करने के लिए एक मंच की जरूरत होती है जो डॉ. शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति के प्रति भेदभाव को खत्म करने के उद्देश्य को लेकर आगे बढ़ रहा है।
जीवन एक कला है। धैर्य के साथ अपनी ऊर्जा और प्रतिभा को समुचित ढंग से प्रयोग करने वाले के लिए कुछ भी कठिन नहीं है। जीवन में कुछ विशिष्ट करने के लिए सकारात्मक नजरिये की आवश्यकता होती है। केन्द्र और प्रदेश सरकार दिव्यांगजन के कल्याण के लिए सतत कार्यरत है।.. pic.twitter.com/Yee8eF4ufe
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दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल राम नाईक ने की। समरोह में पद्मश्री डॉ. उमा तुली व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
..इस उद्देश्य से अनेक कदम उठाये गये हैं। आदरणीय प्रधानमंत्री जी स्वयं इन कार्यों की मॉनिटरिंग करते रहते हैं। राज्य सरकार डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में अध्ययनरत दिव्यांगजन के कल्याण, प्रोत्साहन और स्वावलम्बन के लिए हर सम्भव प्रयास करेगी। pic.twitter.com/1oRCHm5X20
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