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दुनिया के लिए बना मिसाल ये 81 साल का आदमी, जानते हैं क्यों

ऑस्ट्रेलिया के एक व्यक्ति को Man With the Golden Arm कहा जाता है. जानते हैं क्यों…क्योंकि उनके बाजुओं में वो शक्ति है जिसने लाखों बच्चों को जिंदगी दी है. जेम्स हैरिसन, पिछले 60 सालों से हर सप्ताह रक्त दान करते आ रहे हैं. और इतने रक्तदान के बाद 81 साल का ये शख्स अब रिटायर हो गया है. ऑस्ट्रेलियन रेड क्रॉस ब्लड सर्विस के अनुसार जेम्स ने अब तक 1173 बार रक्त दान कर करीब 24 लाख बच्चों की जान बचाई है.

Help us thank the man who has given more blood donations than anyone else on the planet! James Harrison, the Guinness…

Gepostet von Australian Red Cross Blood Service am Sonntag, 22. April 2018

14 साल की उम्र में जेम्स की छाती की सर्जरी की गई थी. तब रक्त दान की वजह से ही उनकी जान बच पाई थी. इसकी अहमियत समझते हुए उन्होंने तब से रक्त दान करने की कसम खा ली थी.

जेम्स के खून में रोगों से लड़ने वाली अनोखी एंटीबॉडी हैं जिनका प्रयोग एंटी-D नामक इंजेक्शन बनाने के लिए किया जाता है, जो रीसस रोग से लड़ने में मदद करता है. यह बीमारी वो स्थिति है जब गर्भवती महिला का खून असल में अपने अजन्मे बच्चे की रक्त कोशिकाओं पर हमला करना शुरू कर देता है. जिसके सबसे बुरे परिणाम हैं बच्चों का ब्रेन डेमेज या मौत.

ऐसी स्थिति तब विकसित होती है जब गर्भवती महिला के पास रीसस नेगेटिव (RhD -ive) ब्लड होता है और गर्भ में पल रहे बच्चे के पास रीसस पॉजिटिव(RhD +ive) जो उसे अपने पिता से विरासत में मिलता है.

अगर पिछली गर्भावस्था के दौरान मां का रक्त Rh +ive रक्त से मिलता है तो वो एंटीबॉडी उत्पन्न कर सकती है जो बच्चे की रक्त कोशिकाओं को नष्ट कर देती है, जो बच्चे के लिए घातक हो सकता है. ऑस्ट्रेलिया की 17% से भी ज्यादा महिलाओं को इससे खतरा है. ऐसे में जेम्स् के अनोखे एंटीबॉडी वाले रक्त से निर्मित इंजक्शन ही उन महिलाओं के होने वाले बच्चों की जान बचाता है.

1967 से अब तक 30 लाख से भी ज्यादा एंटी D इंजक्शन जरूरतमंद मांओं को दिए जा चुके हैं. यहां तक कि उनकी अपनी बेटी को भी ये इंजक्शन दिया गया था.

1967 से पहले हर साल हजारों बच्चों की मौत हो जाती थी, और डॉक्टरों तब ये जान नहीं पाए थे कि ऐसा क्यों हो रहा था. एक बड़ी संख्या में महिलाओं को गर्भपात हो रहे थे और बच्चे क्षतिग्रस्त दिमाग के साथ पैदा हो रहे थे. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया पहला देश था जिसने इस एंटीबॉडी वाले ब्लड डोनर को खोज निकाला था.

लाखों जिंदगियां बचाने वाले जेम्स देश का गौरव हैं. और उनके लिए जितना भी सम्मान दिया जाए सो कम है. उन्हें ऑट्रेलिया का नेशनल हीरो कहा जाता है, अपने इस काम के लिए उन्हें ढेरों अवार्ड्स स् नवाजा गया है और Medal of the Order of Australia से भी वो सम्मानित किए जा चुके हैं जिसे देश का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान माना जाता है.

जेम्स ने अपना आखिरी रक्त दान हाल ही में किया, क्योंकि 81 साल की उम्र के बाद कोई व्यक्ति रक्त दान नहीं कर सकता. मगर जेम्स का कहना है कि अगर उन्हें इजाज़त दी जाए तो वो आगे भी रक्त दान करते रहना चाहेंगे.

 

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