NationalRAAJ - KAAJTop News

एएमयू: शांत हुआ जिन्ना का जिन, 15 दिन से चल रहा धरना हुआ समाप्त

एएमयू में जिन्ना की तस्वीर को लेकर छात्रों का 15 दिन से चल रहा धरना बुधवार को समाप्त हो गया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि रात करीब आठ बजे एएमयू के कुलपति प्रो तारिक मंसूर अपनी पत्नी डा हमीदा तारिक के साथ धरना स्थल पर गये। उन्होंने बताया कि कुलपति और उनकी पत्नी ने भूख हड़ताल पर बैठे करीब आधा दर्जन प्रदर्शनकारी छात्रों को जूस पिलाकर उनकी भूख हड़ताल तुड़वाई गई। ये छात्र पिछले तीन दिन से भूख हड़ताल पर थे।

हमारे देश को आजाद हुए कई वर्ष हो गये और उसको आजाद करवाने वाले दुनिया को अलविदा कह गए। लेकिन उनका जिन कही न कही जग ही जाता हैं। और अपनी मौजूदगी बयां कर देता है। जैसे सा की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में हुआ वहां यूनियन हॉल में जिन्ना की तस्वीर 1938 से ही लगी है, जब उन्हें एएमयू स्टुडेंट यूनियन की आजीवन सदस्यता से नवाजा गया था।  यहाँ पर कई और महान नेताओं की तस्वीरें एक साथ लगी है, जिनमें गांधीजी, जवाहरलाल नेहरू, बी.आर। आंबेडकर और जिन्ना के कट्टर आलोचक अबुल कलाम आजाद भी शामिल हैं। यह तस्वीर वहां ऐतिहासिक अभिलेख के तौर पर है।

7 मार्च, 2018 की बात है अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के 65वें दीक्षांत समारोह पर भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि बन कर आये थे.

स्वागत में बड़ी तादाद में छात्राएं भी शामिल हुई थीं, जिन्होंने अपने बुद्धिबल से आधे से ज्यादा तमगे अपनी झोली में डाले थे. राष्ट्रपति ने एएमयू की भूमिका के कसीदे काढ़ते हुए यूनिवर्सिटी के कई प्रतिष्ठित पूर्व छात्रों के नाम याद किए.

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सर सैयद अहमद खान की 200वीं सालगिरह पर बतौर मुख्य अतिथि एएमयू की तारीफ की थी और इसे भारतीय राष्ट्रवाद की मुकम्मल मिसाल बताया था, जहां विभिन्न मजहबी, जातीय, क्षेत्रीय और भाषायी पृष्ठभूमि से आए छात्र राष्ट्रवाद की अवधारणा को जीते हैं.

‘जिन्ना का जिन्न’, ‘एएमयू जिन्ना से कब आजाद होगा’, ‘एएमयू संस्थापकों का जश्न मनाएगा या जिन्ना का’. यूनिवर्सिटी के स्टुडेंट्स यूनियन हॉल में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर के मुद्दे ने देश की दूसरी बुरी या अच्छी खबरों को अपनी छाया से ढक लिया है.

एएमयू हर तरफ मीडिया ट्रायल का सामना कर रही है, जिसमें भाजपा के प्रवक्ता, दक्षिणपंथी बहसबाज और कुछ अति उत्साही ऐंकर यूनिवर्सिटी की तरफदारी में खड़े हरेक शख्स के लिए बड़ी बेरुखी से देशद्रोही और गद्दार सरीखे लफ्जों का इस्तेमाल कर रहे हैं.

हकीकत यह है कि एएमयू का कोई भी छात्र या शिक्षक जिन्ना का न तो समर्थक है और न ही हमदर्द. जिन्ना एएमयू के हर शख्स के लिए इतिहास हैं—एक तकलीफदेह इतिहास. एएमयू छात्रों का एक नारा उनके रुख को बयान करता है, ”जिन्ना इतिहास है, आस्था नहीं.”

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर कुछ इस तरह बवाल हुआ की थमने का नाम नहीं ले रहा है. पूरे अलीगढ़ शहर में धारा 144 लागू है. जगह-जगह पर कड़े सुरक्षा बंदोबस्त हैं. इस बीच यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने कहा है कि मोहम्मद अली जिन्ना इस यूनिवर्सिटी के फ़ाउंडर मेंबर थे और उनकी तस्वीर 1938 से लगी हुई है. तो वहीं राजनीतिक पार्टियों ने उसको अपना एक सियासत का मुद्दा बना लिया

बाबा राम देव-

बाबा राम देव ने जिन्ना के फोटो विवाद पर कहा कि, ‘अब मुसलमान तो चित्रों और मूर्तियों में विश्वास नहीं रखते. उनको तो इस बारे में चिंता ही नहीं करनी चाहिए. जिन्ना भारत की अखंडता और एकता के लिए आदर्श तो हो नहीं सकता, पाकिस्तान के लिए शायद हो सकता है.’

मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य-

अब इस मुद्दे को बेवजह तूल दी जा रही है. उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मोहम्मद अली जिन्ना को देश का दुश्मन बताया है.

फारूख अब्दुल्ला-

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूख अब्दुल्ला  ने कहा- जिन्ना इस पर सहमत हो गए थे लेकिन नेहरू, आजाद और पटेल ने यह बात नहीं स्वीकारी. इसके बाद ही जिन्ना के द्वारा पाकिस्तान की स्थापना की गई.” इस टिप्पणी पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नेकां प्रमुख को फिर से उपमहाद्वीप का इतिहास पढ़ना चाहिए.

 

=>
=>
loading...