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सरकारी नौकरी छोड़ शुरू किया ये काम, 5 करोड़ रु है सालाना इनकम

अगर काम करने की लगन हो तो कोई भी काम से हम अच्छे खासे पैसे कमा सकते हैं। वैसे देखा जाये तो आज के दौर में युवा  सिर्फ सरकारी नौकरी के पीछे भाग रहे है। जिसके लिए वो 3 से 5 साल तक तैयारी में बिता देते है। पर कुछ ऐसे भी छात्र होते जो इतनी मेहनत करने के बाद भी सफलता हासिल नही हो पाती हैं। लेकिन आज हम आप को एक ऐसे शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं। जिसने सरकारी नौकरी के लिए पहले कड़ी मेहनत की जिसके बाद उसने सफलता भी हासिल की लेकिन उसको अपनी सरकारी नौकरी में भी मजा नही आया तो फिर उसने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ खेती की ओर लौटा और इससे जुड़ा बिजनेस शुरू किया ये कही हैं गुजरात के जूनागढ़ के रहने वाले ऐसे ही एक शख्स की जिसका नाम हैं तुलसीदास लुनागरिया जिन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ अपना खुद का बिजनेस शुरू किया और सिर्फ 6 साल में वो करोड़पति बन गए। इतना ही इस शख्स ने एक नहीं बल्कि चार बिजनेस की शुरुआत की।

 

तुलसीदास लुनागरिया ने बातचीत में बताया कि जूनागढ़ के कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर से एग्रीकल्चरल साइंस में ग्रैजुएशन करने के बाद उन्होंने नौकरी की तैयारी की। इसके बाद उन्हें ग्रामीण बैंक में नौकरी लगी, जो सरकारी नौकरी थी। उनका कहना है कि नौकरी के दौरान उनको काम में मन नहीं लगा। उन्हें महसूस हुआ कि वो बिना महत्वाकांक्षा और चुनौती के एक रूटिव वर्क कर रहे हैं। वो खुद के एग्रीवेंचर की शुरुआत करने का सपना देखने लगे। इसलिए 4 महीने बाद ही उन्होंने नौकरी छोड़ दी और अपना खुद का बिजनेस शुरू किया।

तुलसीदास को एग्री सेंटर एंड एग्री बिजनेस स्कीम के बारे में पता चला। उन्होंने एसीएंडएबीसी के दो महीने के कोर्स में दाखिला लिया और अहमदाबाद में इंटरनेशनल स्कूल ऑफ पब्लिक लीडरशिप (आईएसपीएल) से ट्रेनिंग ली। ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने मार्केटिंग, अकाउंटिंग और डीपीआर बनाना सीखा। इस दौरान उन्होंने एग्री बिजनेस से एक्सपर्ट्स से मिलने-सुनने का मौका मिला। ट्रेनिंग खत्म होने के बाद उन्होंने चार बिजनेस की शुरुआत की।

कॉटन सीड्स ऑयल एक्सप्लोरेशन और कॉटन सीड्स केक बनाने वाली कंपनी अविरत कॉटन इंडस्ट्रीज का सालाना टर्नओवर 60 करोड़ रुपए है। एडवेंता एक्सपोट प्राइवेट लिमिटेड वाटर सॉल्यूएबल फर्टिलाइजर, प्लांट ग्रोथ प्रोमोटर औऱ स्वाइल कंडिशनर जैसे पोटैसियम ह्यूमेट, फूलविक एसिड्स का देश भर में सप्लाई करती है। साथ ही एग्रो कमोडिटीज जैसे रॉ कॉटन बेल्स, मसाले, फल और सब्जी का एक्सपोर्ट करती है। कंपनी का सालाना टर्नओवर 2 करोड़ रुपए है। इसके अलावा रेनो एग्री-जेनेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड का टर्नओवर 5 करोड़ और विमैक्स कॉर्प साइंस लिमिटेड का टर्नओवर 28 करोड़ रुपए है। चार कंपनियों का कुल टर्नओवर 95 करोड़ रुपए है।

तुलसीदास का कहना है कि उनका बिजनेस देश के 8 राज्यों में फैला है। यूपी, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में उनके ग्राहक हैं। विमैक्स कॉर्प साइंस एग्रोकेमिलकल्स की मैन्युफैक्चरिंग और मार्केटिंग करती है। एग्रो केमिकल्स में इंसेक्टिसाइड्स, फंगीसाइड्स, विडीसाइड्स, प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर्स और माइक्रो नूट्रीएंट्स के साथ ऑर्गेनिक पेस्टिसाइट्स बनाती है।

उनकी कंपनी में 120 कर्मचारी काम करते हैं। उन्होंने हरके साल एक लाख किसानों तक पहुंच बनाने का लक्ष्य बनाया है जिसके लिए वो प्रयासरत हैं।

करीब 5 करोड़ रुपए सालाना इनकम कर लेते हैं। प्रोडक्ट खरीदने वाले किसानों को वो खेती के बारे में ज्ञान भी देते हैं। कब उस फसल को पानी देना है, कब नूट्रीएंट्स देने हैं और पेस्टिसाइड्स का छिड़काव करना है। वो कहते हैं कि उनके इस सर्विस से किसान खुश हैं।

 

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