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गाजा में हिंसा, 61 लोगों की हुई मौत, तुर्की ने इजरायली राजदूत को निकाला

गाजा सीमा पर फलस्तीनियों के प्रदर्शन पर इजरायल की गोलीबारी के खिलाफ तुर्की ने इजरायली राजदूत को देश छोड़ने का आदेश दिया है। इस बीच, इस गोलीबारी में मरने वाले फलस्तीनियों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 61 हो गई।

इजरायली सुरक्षाबलों ने कहा कि गाजा पट्टी सुरक्षा बाड़ से सटे 13 स्थानों पर फिलीस्तीन के 40,000 लोगों ने इस हिंसक दंगों में हिस्सा लिया।

आपको बता दें कि यह हिंसा यरुशलम में अमेरिकी दूतावास के उद्घाटन के मद्देनजर हुई, जिसमें राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप, उनके दामाद जेयर्ड कुशनर और वित्त मंत्री स्टीवन नुचिन के नेतृत्व में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने हिस्सा लिया था। बीबीसी के मुताबिक, इजरायली पुलिस और गुस्साए प्रदर्शनकारियों के बीच में हिंसक झड़प हुई।

तुर्की विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को यहां इजरायली राजदूत ईटन नाहे को सूचित किया और देश छोड़ने को कहा। इससे पहले उसने अमेरिकी दूतावास को तेल अवीव से यरुशलम ले जाने के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के फैसले के खिलाफ सोमवार को अमेरिका व इजरायल से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया था।

दक्षिण अफ्रीका ने सोमवार को ही एलान किया कि वह गाजा हिंसा के विरोध में इजरायल से अपने राजदूत को वापस बुला रहा है। दक्षिण अफ्रीका के अंतरराष्ट्रीय संबंध और सहयोग विभाग ने गाजा में फलस्तीनी प्रदर्शनकारियों पर इजरायली बलों की कार्रवाई की सख्त शब्दों में निंदा की

वहीं अमेरिका ने गाजा हिंसा के लिए फलस्तीनी संगठन हमास को जिम्मेदार ठहराया है। व्हाइट हाउस के उप प्रेस सचिव राज शाह ने मंगलवार को कहा, हम गाजा में हिंसा जारी रहने की खबरों से अवगत हैं। इन दुखद मौतों के लिए हमास जिम्मेदार है। हमास ने जानबूझकर इस प्रतिक्रिया को भड़काया है। उन्होंने कहा कि इजरायल को अपने बचाव का अधिकार है।

गाजा हिंसा

61 फलस्तीनी मारे गए गाजा सीमा पर इजरायली गोलीबारी में

-08 से 16 साल की उम्र के बच्चे भी शामिल हैं मरने वालों में

-2,700 के करीब फलस्तीनी घायल हो गए इस गोलीबारी में

-40,000 फलस्तीनी जुटे थे गाजा सीमा पर प्रदर्शन करने

-यरुशलम में अमेरिकी दूतावास खोलने के विरोध में थे ये लोग

-वे छह हफ्तों से हमास द्वारा आहूत विरोध प्रदर्शन में शामिल थे

 

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