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भारत में भी शुगर बेबीज की दस्तक, अमीरों के खास शौक में हैं शामिल

फोटो स्रोत- sugar-babies.net

शुगर बेबीज के बारे में जानते हैं आप? नहीं जानते हैं तो हम आपको बता देते हैं। अभी तक सुगर बेबीज विदेशों में हुआ करती थीं, लेकिन अब यह भारत में भी दस्तक दे चुकी हैं। दरअसल अमीरों के इस नए गेम में अब डेटिंग का रूप बदल रहा है। इस गेम में भारत के बड़े शहरों की युवा लड़कियों की भी एंट्री हो गई हैं। खबरों की मानें तो अमीरों के इस गेम में दिन प्रति दिन 20 से 25 साल की लड़कियों की संख्‍या बढ़ रही है। इसके बदले इन्हें न केवल लाखों रुपयों की फाइनेंशियल हेल्प मिल रही है।

बस इसके लिए इन्हें अमीरों या अमीर प्रोफेशनल से एक खास रिलेशनशिप करनी होती है, जिसे शुगर रिलेशनशिप का नाम दिया जा रहा है। ये ट्रेंड अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में बहुत ज्यादा है, जहां इसे बोल्डनेस के रूप में देखा जाता है।

क्या है शुगर रिलेशनशिप?

असल में शुगर रिलेशनशिप वह रिलेशन है, जिसमें कोई युवा लड़की किसी ज्यादा उम्र के अमीर या प्रोफेशनल के साथ जुड़ती है। वह उनके साथ बिजनेस टूर से लेकर हॉलीडे टूर में साथ होती है, दोनों के बीच कुछ शर्तो के साथ एक इंटेमेसी भी होती है, जिसके बदल अमीर पुरूष की ओर से शुगर बेबीज को मोटी रकम दी जाती है। उसके सारे खर्चों का भी ध्‍यान रखा जाता है।

शुगर रिलेशनशिप का ट्रेंड ज्यादातर भारतीयों के लिए अनजान है। बेंगलुरू जैसे मेट्रो शहरों में ये ट्रेंड बढ़ रहा है। इस बारे में अमेरिका से भारत आई एक महिला एंजेला कारसॉन ने अपने ब्लॉग में भी जिक्र किया है। उनके अनुसार शुगर बेबीज और शुगर डैडी का ट्रेंड अब भारत में भी आ चुका है। उन्होंने खुद ऐसी पार्टियों का जिक्र किया है, जहां से यंग गर्ल्स और मिडिल एज वाले अमीर पुरूषों के बीच यह रिश्‍ता शुरू होता है। हालांकि उन्होंने भारत में भी ऐसे ट्रेंड को देखकर हैरानी भी जताई है।

एक मीडिया रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र हुआ है कि भारत में भी शुगर बेबीज का ट्रेंड शुरू हो गया है, जिसमें इंटरनेट का खास योगदान है। एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के अनुसार बेंगलुरू जैसे शहरों में 21-22 साल से 24-25 साल की तमाम मॉडर्न लड़कियां अब शुगर बेबीज बनने से परहेज नहीं कर रही हैं। वहीं, इनके शुगर डैडी के रूप में बन रहे पार्टनर 39 साल से 45 या इससे ज्यादा उम्र के अमीर पुरूष हैं। वैसे आईटी इंडस्ट्री में यह ट्रेंड ज्यादा होने की भी बात कही गई है।

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Vineet Bajpai
the authorVineet Bajpai
Senior Reporter & Copy Editor