मोबाइल की पहुंच भले ही देश के कोने-कोने में हो गई है, लेकिन अभी भी कई जगहों पर नेटवर्क की काफी परेशानी होती है, जिस वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब इस समस्या का समाधान तैयार है। आप बिना नेटवर्क या बिना सिम कार्ड के भी फोन कॉल कर सकेंगे। सरकार ने ऐसे ही एक प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी है। इस सर्विस को इंटरनेट टेलीफोनी (internet telephony) के नाम से जाना जाएगा। जिन टेलीकॉम ऑपरेटर्स और दूसरी कंपनियों के पास टेलीफोनी लाइसेंस होंगे, वह ग्राहकों को यह सुविधा ऑफर कर सकेंगी. इसके लिए किसी भी तरह के सिम की जरूरत नहीं होगी. बस एक ऐप के जरिए इसे एक्टिवेट किया जा सकेगा।
इंटरनेट टेलीफोनी (internet telephony) को लेकर टेलीकॉम रेगुलेटर (TRAI) ने पिछले साल अक्टूबर में यह सुझाव दिया था। कॉल ड्रॉप की समस्या को खत्म करने के लिए नई कनेक्टिविटी का सुझाव दिया गया था। इसके पीछ मकसद है कि देश में बढ़ती कॉल ड्रॉप और घटिया नेटवर्क को दूर किया जा सके।
इंटर मिनिस्ट्रियल टेलीकॉम कमीशन ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके बाद रिलायंस जियो, बीएसएनएल, एयरटेल और दूसरे ऑपरेटर्स इस सर्विस की शुरुआत कर सकेंगे। TRAI के एडवाइजर अरविंद कुमार का कहना है कि नई कनेक्टिविटी सर्विस से ग्राहकों को फायदा मिलेगा। इससे ग्राहकों के पास ज्यादा ऑप्शन होंगे। खासकर ऐसे इलाकों में जहां सर्विस क्वॉलिटी की दिक्कत रहती है। इनमें ज्यादातर ऐसी मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स या फिर ऐसे घर शामिल हैं जहां टेलीकॉम सिग्नल कमजोर रहते हैं। लेकिन, वाईफाई की सर्विस अच्छी होती है।
प्रोसेस की पूरी जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि इंटरनेट टेलीफोनी की सुविधा का इस्तेमाल करने के लिए ग्राहकों को एक ऐप डाउनलोड करना होगा। यह ऐप ऑपरेटर्स के जरिए दिए जाएंगे। हर ऑपरेटर का अपना अलग ऐप भी हो सकता है। इसके अलावा, 10 डिजिट का नंबर भी जारी किया जाएगा। यह नंबर बिल्कुल अभी के मोबाइल नंबर की तरह ही होगा। उदाहरण के तौर पर अगर आप अभी एयरटेल का सिम इस्तेमाल करते हैं, लेकिन बाद में जियो इंटरनेट टेलीफोनी ऐप लेते हैं तो आपको इसके लिए अलग से नंबर मिलेगा। इस नंबर और ऐप का इस्तेमाल आप ब्रॉडबैंड के जरिए कर सकेंगे।
हालांकि, अगर आप जिस कंपनी का सिम इस्तेमाल करते हैं और बाद में उसी ऑपरेटर का ऐप इस्तेमाल करते हैं तो आपको नंबर नहीं बदलना होगा। आपका मौजूदा नंबर ही इस्तेमाल कर सकेंगे। टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI ने इंटरनेट कॉलिंग पर इसलिए जोर दिया था क्योंकि यह वॉयस कॉल के लिए सस्ती सर्विस होगी। इससे कॉल ड्रॉप की समस्या खत्म होगा। खराब नेटवर्क से भी छुटकारा मिलेगा।