भारतीय रिजर्व बैंक ने नो युअर कस्टमर (केवाईसी) गाइडलाइन के तहत बैंक खाते को आधार से जोड़ना जरूरी कर दिया था, लेकिन शुक्रवार को उसने जारी सर्कुलर में कहा कि आधार को अनिवार्य करने का फैसला सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय के हिसाब से लागू होगा। आप को बता दें कि सराकर ने पिछले महीने बैंक खआते को आधार से जोड़ने की अंतिम तारीख अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दी थी।
अभी तक केवाईसी गाइडलाइन के तहत निवास प्रमाण पत्र के लिए सरकारी दस्तावेज, पैन और खाताधारक का नया फोटो लगाना होता है। लेकिन केवाईसी की संशोधित गाइडलाइन के बारे में आरबीआई ने कहा है कि ग्राहकों से आधार नंबर के साथ पैन या फॉर्म 60 लेना बैंक के लिए अनिवार्य होगा। उन सभी ग्राहकों को आधार देना अनिवार्य होगा जो इसके लिए आवेदन करने के पात्र हैं।
खॉबरों के मुताबिक आरबीआई ने निवास और पहचान के प्रमाण के लिए दूसरे दस्तावेज लेने की अनिवार्यता खत्म कर दी है। हालांकि जम्मू कश्मीर, असम और मेघालय के निवासियों के मामले में आधार या इसके लिए आवेदन करने का प्रमाण नहीं दिया जाता है तो बैंक केवाईसी के दूसरे दस्तावेज मांग सकते हैं। इन सरकारी दस्तावेजों में पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आइडी, नरेगा का जॉब कार्ड और नेशनल पॉपूलेशन रजिस्टर का पत्र भी शामिल है। रिजर्व बैंक का कहना है कि अनिवासी खाताधारकों से आधार नहीं मांगा जाएगा।
ये लोग आधार में आवेदन करने के पात्र नहीं हैं। इन लोगों को पैन नंबर के साथ दूसरे दस्तावेज ही देने होंगे। इन दस्तावेजों में बिजली, पानी, टेलीफोन, पोस्टपेड मोबाइल के बिल, प्रॉपर्टी टैक्स रसीद, पेंशन या फेमिली पेंशन ऑर्डर और सरकारी विभागों का आवासन आवंटन पत्र भी शामिल हो सकता है। आरबीआइ के अनुसार प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग (पीएमएल) रूल्स जून 2017 में हुए थे। इसी के तहत केवाईसी गाइडलाइन में बदलाव किया गया है।
सरकार ने पिछले महीने मौजूदा बैंक धारकों के लिए आधार नंबर जोड़ने की अवधि अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दी थी। सरकार ने कहा था कि आधार को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला आने के बाद इसके संबंध में नई अंतिम तारीख अधिसूचित की जाएगी। आधार एक्ट के अधीन कोई व्यक्ति देश में 180 दिनों से ज्यादा समय तक रहता है तो वह आधार नंबर के लिए आवेदन कर सकता है।