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संपत्ति जब्त करने के खिलाफ दाऊद के परिजनों की याचिका खारिज

नई दिल्ली, 20 अप्रैल (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम की मां और बहन की अपनी संपत्तियों को जब्त करने के केंद्र के आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका को खारिज कर दिया।

न्यायमूर्ति आर.के.अग्रवाल और न्यायमूर्ति ए.एम.सप्रे की पीठ ने दाऊद की मां अमीना बी और बहन हसीना पार्कर (दोनों अब मृत) की याचिका खारिज कर की।

दोनों के स्वामित्व में मुंबई में सात आवासीय संपत्तियां हैं, जिसमें दो अमीना बी के नाम से और पांच हसीना के नाम है। करोड़ों रुपये की संपत्तियां कथित तौर पर दाऊद द्वारा गलत तरीके कमाए गए धन से अर्जित की गई थीं।

उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के सितंबर 2012 के आदेश के बाद शीर्ष अदालत से संपर्क किया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्मगलर्स व फारेन एक्सचेंज मैनिपुलेटर्स एक्ट के तहत उनकी संपत्तियों को जब्त करने का नोटिस दिया था।

यह अधिनियम तस्करों व उनके परिजनों द्वारा अर्जित अवैध संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार देता है।

अमीना बी और पार्कर ने नोटिस को चुनौती थी। उन्होंने कहा कि उन्हें यथोचित रूप से नोटिस नहीं मिला, इसलिए दक्षिण मुंबई के नागपाड़ा में उनकी संपत्तियों को कुर्क करने की कार्यवाही को रोका जाना चाहिए।

सरकार ने कहा कि प्रमुख संपत्तियां दाऊद की हैं, लेकिन उनकी मां और बहन के कब्जे में थीं। इसलिए सरकार ने दलील दी कि कानून इन्हें जब्त करने की मांग करता है।

सक्षम प्राधिकारी ने इस अधिनियम के तहत कई संपत्तियों को जब्त करने के लिए जुलाई 1998 में आदेश पारित किया था।

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