नई दिल्ली। गुजरात हाईकोर्ट ने 2002 में हुए नरोदा पाटिया हिंसक नरसंहार केस में बाबू बजरंगी को उम्र कैद की सजा सुनाई है। जबकि माया कोडनानी समेत 17 लोगों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है। आपको बता दें कि 28 फरवरी 2002 को नरोदा पाटिया में हुए नरसंहार में 97 लोगों की जान चली गई थी जबकि 32 लोग घायल हुए थे।
कौन है माया कोडनानी
माया कोडनानी ने अपने करियर की शुरुआत बतौर डॉक्टर की थी। उनका राजनीतिक सफर भी बड़ी दिलचस्प है। नरोदा में माया का मेटर्निटी अस्पताल था और इसी पेशे की वजह से वह राजनीति में भी आ गई।
वे भाजपा की विंग आरएसएस से जुड़ गई। बाद में वह पहली बार गुजरात के नरोदा से भाजपा की विधायक चुनी गई। इसके बाद तो माया का राजनीतिक करियर नई ऊचाईयों को छूने लगा। उन्हें मोदी सरकार में पहली बार मंत्री का पद मिला। लेकिन नरोदा पाटिया केस में नाम आने के बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।