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अमनमणि त्रिपाठी मामले में CBI को लगा झटका, बरकरार रहेगी त्रिपाठी की जमानत

नई दिल्ली। पत्नी सारा सिंह की हत्या के आरोपी उत्तर प्रदेश के विधायक अमनमणि त्रिपाठी की जमानत बरकरार रहेगी, क्योंकि बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और पीड़िता की मां द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के जमानत के फैसले को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी। न्यायमूर्ति एके सीकरी के नेतृत्व वाली पीठ ने जांच एजेंसी और सारा की मां सीमा सिंह द्वारा अमनमणि की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी।

अमनमणि (35 वर्ष) नौतनवा से विधायक हैं। इससे पहले नौ मार्च, 2017 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अमनमणि को जमानत दी थी। सीमा सिंह ने दावा किया था कि जमानत पर रिहा होने के बाद से अमनमणि उन्हें धमका रहे हैं।

उन्होंने कहा कि दो मई, 2017 को दो अज्ञात लोगों ने उन्हें रोका और मुकदमा लड़ना जारी रखने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी। सीबीआई ने आठ फरवरी, 2017 को पत्नी की हत्या के मामले में अमनमणि के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया। सारा की हत्या जुलाई 2015 में हुई थी। शुरू में इसे सड़क दुर्घटना माना गया, हालांकि उनके माता-पिता ने आरोप लगाया कि उनके पति अमनमणि ने उनकी हत्या की है।

यह मामला फिर सीबीआई को सौंपा गया, जिसने उन्हें गिरफ्तार किया और फिर 25 नवंबर, 2016 को उन्हें जेल भेज दिया गया। पार्टी-विरोधी गतिविधियों के चलते 23 फरवरी, 2016 को समाजवादी पार्टी ने अमनमणि को पार्टी से निकाल दिया और बाद में उन्होंने बतौर निर्दलीय उम्मीदवार नौतनवा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा।

उनके पिता अमरमणि और उनकी मां मधुमणि को भी 2007 में सीबीआई अदालत ने कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या के मामले में दोषी ठहराया था और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

इनपुट- आईएएनएस

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Vineet Bajpai
the authorVineet Bajpai
Senior Reporter & Copy Editor