Uttar Pradesh

उप्र: निरहुआ सहित 46 लोग ‘यश भारती’ से सम्मानित

yash-bharti-samman-samaroh-in-lucknow-54d8ba8190f9a_exlstलखनऊ | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को प्रदेश की 46 विभूतियों को यश भारती पुरस्कार से सम्मानित किया। सम्मानित लोगों को 11 लाख रुपये और प्रशस्तिपत्र भेंट किया। सरकार के संस्कृति विभाग की ओर से मिलने वाले इस पुरस्कार को पाने वाले सभी लोगों को इस बार से 50 हजार रुपये प्रतिमाह आजीवन पेंशन भी मिलेगी। पुरस्कार अर्पण समारोह डॉ. राममनोहर लोहिया लॉ यूनिवर्सिटी में आयोजित किया गया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने पिता का नाम न लेते कहा, “नेताजी ने सम्मान देने की शुरुआत की थी। उनके काम को हम आगे बढ़ा रहे हैं। सपा ने घोषणापत्र के वादे पूरे किए हैं। किसानों, नौजवानों की सरकार मदद कर रही है। कभी यह सम्मान रोक दिया गया था, लेकिन सपा सरकार ने इसे फिर से शुरू किया।” वहीं, मुख्यमंत्री के पिता सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने कहा कि ईमानदार अफसरों को अवॉर्ड मिलना चाहिए। पत्रकारों का सम्मान जरूरी है। अफसरों ने कार्यक्रम को सफल बनाया है। किसान की मेहनत से लोगों का पेट भर रहा है।

उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के किसान सबसे ज्यादा मेहनत कर रहे हैं। अपना पसीना बहाकर फसल उगा रहे हैं। आंतरिक सीमाओं के लिए बहुत कुछ करना पड़ेगा, किसानों के लिए और काम करना है। उल्लेखनीय है कि यश भारती से सम्मानित होने वाली हस्तियों में अशोक चक्रधर, नाहीद आबदी, सुनील जोगी, गिरिजा शंकर, मोहम्मद इमरान खान (साहित्य), सुधीर मिश्र, विशाल भारद्वाज (फिल्म निर्देशक), राजू श्रीवास्तव (हास्य कलाकार), सर्वेश यादव (निशानेबाज) और दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ (भोजपुरी अभिनेता) का नाम शामिल है।

इसके अलावा मनु कुमारी पाल, श्याम गुप्ता, सुनील कुमार राणा, अनुज चौधरी, सुधा सिंह (खेल), उस्ताद गुलाम मुस्तफा, अंकित तिवारी (सिंगर), प्रोफेसर इमरान, नवाज देवबंदी (शिक्षा), डॉ. नरेश त्रेहन, डॉ. डी. प्रभाकर, सुभाष गुप्ता (चिकित्सा), अनुराग कश्यप (निर्देशक) को ये सम्मान मिला। सीमा पुनिया (एथलेटिक्स), जगवीर सिंह (हॉकी), हेमंत शर्मा (पत्रकारिता), वजीर अहमद खां (शतरंज), चक्रेश कुमार जैन (हस्तशिल्प), लालजी यादव (कुश्ती) को भी इस सम्मान से नवाजा गया।

उल्लेखनीय है कि इस पुरस्कार के खिलाफ निलंबित आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में एक याचिका दायर की है। याचिका में उन्होंने पुरस्कार के लिए प्रस्तावित नामों में सरकार के मुख्य सचिव आलोक रंजन की पत्नी सुरभि रंजन का नाम होने का विरोध किया है। अमिताभ का कहना है कि जिस तरह पहले चुपके-चुपके 22 नाम घोषित किए गए और बाद में एक बार 12 और दुबारा 12 नाम नाम बढ़ाकर कुल 46 नाम कर दिए गए, उससे साफ जाहिर हो जाता है कि ये पुरस्कार मनमाने तरीके से दिए जा रहे हैं।

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