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नासा: एक्सपेंडीशन-47 मंगल अभियान पर

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वाशिंगटन । नासा के 47वें एक्सपेंडीशन अभियान के तहत तीन नए सदस्यों के साथ अंतरिक्ष यान शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पहुंच चुका है। इस अभियान का उद्देश्य मंगल ग्रह सहित गहन अंतरिक्ष मिशन के लिए नासा की अग्रिम यात्रा के उपलक्ष्य में महत्वपूर्ण जानकारी इकट्ठा करना है। कजाकिस्तान स्थित बैकोनुर कोस्मोड्रोम (विश्व का सबसे बड़ा अंतरिक्ष प्रक्षेपण क्षेत्र) से प्रक्षेपित हुए सोयुज टीएमए-20एम अंतरिक्ष यान में नासा के अंतरिक्ष वैज्ञानिक जेफ विलियम्स और रूस की अंतरिक्ष एंजेसी से दो अंतरिक्ष यात्री एलेक्सी ओविचिनिन और ओलेग स्क्रिपोचका शामिल हैं।

इस अभियान में शामिल विलियम तीन बार लंबी अवधि तक अंतरिक्ष प्रयोगशाला में रहने वाले पहले अमेरिकी बन गए हैं। विलियम ओविचिनिन और स्क्रिपोचका के पहुंचने से इस अभियान दल में तीन और सदस्य जुड़ जाएंगे, जिनमें पहले से ही नासा के टिम कोपरा और यूरोपियन स्पेस एंजेसी के विमान इंजीनियर टिम पीक और रोस्कोमस अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र से यूरी मेलनचेंको शामिल हैं। पांच महीनों तक चलने वाले इस अभियान में वैज्ञानिक जीव विज्ञान, पृथ्वी विज्ञान, मानव अनुसंधान, भौतिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास के रूप में 250 से अधिक वैज्ञानिक अनुसंधानों पर काम करेंगे।

इस अभियान के तहत सदस्यों की उम्मीद है कि वह अंतरिक्ष में पहली बार विस्तारपूर्वक निवास करते हुए अनुसंधान करेंगे, जो नासा के पहले नवीनीकृत निवास स्थान के अपने पहले परीक्षण की अनुमति देगा। इस परीक्षण से वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष के कठिन वातावरण में रहने और कार्य करने का प्रोत्साहन मिलेगा। विस्तार योग्य निवास के उपयोग के तहत नासा अंतरिक्ष यात्रियों का क्षुद्रग्रह, मंगल और अन्य स्थलों की यात्रा के लिए समर्थन करना चाहता है। एक विस्तारपूर्ण निवास जैसे बीईएएम (बाइग्लो एक्सपेंडेबल एक्विटी माड्यूल) में अधिक कमरों की सुविधा नहीं होती है, लेकिन ैवैज्ञानिकों के लिए अनुसंधान और रहने के लिए इसमें भरपूर जगह होती है। इस मिशन के दौरान सदस्यों को रशियन प्रोग्रेस रिसप्लाई मिशन के लिए तीन टन भोजन, ईंधन, प्रयोगशाला उपकरण आदि भी प्राप्त होंगे।

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