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2025 तक 1.8 अरब लोगों के सामने खड़ी होगी जलसंकट की समस्या

Clean water and water bubbles in blue

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संयुक्त राष्ट्र । संयुक्त राष्ट्र की ओर से सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2025 तक करीब 1.8 अरब लोगों के सामने जलसंकट की समस्या खड़ी होगी और दुनिया की दो-तिहाई आबादी जलसंकट से उत्पन्न होने वाली परिस्थितियों से दो-चार होगी। संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में रखी गई एक पैनल चर्चा में इस बात पर रोशनी डाली गई कि ताजा पानी के स्रोतों को व्यवस्थित करने एवं जलसंकट से बचने के लिए वनों की सुरक्षा एक अहम तरीका है।

विशेषज्ञों ने कहा कि वन्य जलोत्सारण क्षेत्र और जलमयभूमि यह बताती है कि बारिश कैसे और कहां होती है और पानी को कैसे साफ किया जा सकता है। जंगल और भी कई तरीकों से पानी उपलब्ध कराने और उसके नियंत्रण में एक अहम भूमिका निभाते हैं। यूएन फोरम ऑन फोरेस्ट सेकेट्र्रिएट के निदेशक मैनोएल सोबरल फिल्हो ने कहा, “वन्य जलोत्सारण क्षेत्र या वाटरशेड और जलग्रह का संरक्षण व नवीनीकरण न केवल पर्यावरण हितैषी बल्कि यह जल शुद्धिकरण के नए बुनियादी ढांचे के विकास के लिए किफायती व पर्यावरण अनुकूल विकल्प है।” उन्होंने कहा, “जंगल ग्रह के प्राकृतिक जल स्तंभ हैं।” अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस हर साल 21 मार्च को मनाया जाता है।

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