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हाथी की सवारी कर सकते हैं अंसारी बंधु!

अखिलेश यादव, कौमी एकता दल के बाहुबली मुख्तार अंसारी, अंसारी बंधु, हाथी की सवारीmukhtar-ansari
अखिलेश यादव, कौमी एकता दल के बाहुबली मुख्तार अंसारी, अंसारी बंधु, हाथी की सवारी
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अखिलेश से निराश मुख्‍तार अंसारी थाम सकते हैं बसपा का दामन

नई दिल्ली/लखनऊ। मुख्‍यमंत्री और सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव से नाउम्‍मीद होने के बाद कौमी एकता दल के बाहुबली मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल और बेटे को बसपा से टिकट मिल सकता है। सूत्रों की माने तो संतीश चंद्र मिश्रा और अंसारी बंधुओं के बीच बातचीत आखिरी चरण में हैं।

इस बीच खबर है कि मऊ और मोहम्मदाबाद से बसपा ने सभी प्रत्याशियों को हटा लिया है। जानकारी के मुताबिक मुख़्तार और उनके भाई सिगबतुल्लाह अंसारी और मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी को बहुजन समाज पार्टी टिकट दे सकती है।

सूत्रों के हवाले से खबर है कि मऊ सदर सीट से अब बसपा के मनोज राय की जगह मुख्तार अंसारी लड़ेंगे। घोसी से इकबाल अहमद की जगह मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी चुनाव लड़ेंगे। मोहम्मदाबाद से विनोद राय को हटाकर सिगबतुल्लाह अंसारी को टिकट दिया जाएगा।

आपको बता दें कि अखिलेश यादव की तरफ से मऊ सीट से अल्ताफ अंसारी को टिकट दे दिया। अभी मुख्तार अंसारी इस सीट से विधायक हैं। इसके बाद ही आशंका जताई जाने लगी थी कि अंसारी बंधुओं में से किसी को भी समाजवादी पार्टी अपने साथ नहीं रखेगी।

बीएसपी में बगावत के सुर!

मोहम्मदाबाद से बीएसपी प्रत्याशी विनोद राय को टिकट मिली थी। फिलहाल पार्टी ने इस से टिकट वापस ले लिया है। विनोद राय ने बताया, ”कल मायावती ने हमको बुलाया था। हमसे कहा कि इस समय स्थिति थोड़ी खराब है। सपा और कांग्रेस के गठबंधन से अल्पसंख्यक वोट उधर जा रहा है।

इसलिए हमें उनका जवाब देना है। इस पर हमने बहन जी से कहा कि आपने हमें बुला कर टिकट दिया था। अगर बीएसपी मोहम्मदाबाद सीट पर शिबगतुल्ला को टिकट देती है तो मैं अपने समर्थकों से बात कर उसे हराने के लिए सलाह लूंगा। मैं तो बस चाहता हूं इस किसी गुंडे को क्षेत्र से दूर रखा जाए।” इस सीट पर सिगबतुल्लाह अंसारी विधायक हैं। सूत्रों की माने तो बीएसपी और अंसारी बंधुओं में चार सीट पर डील तय हुई है।

अंसारी बंधुओं का कितना प्रभाव?

बलिया, मऊ, गाजीपुर इसके साथ ही वाराणसी की कुछ सीटों पर अंसारी बंधुओं का दबदबा है। कुल मिलाकर पंद्रह से बीस सीट पर अंसारी बंधुओं की पकड़ मानी जाती है। समाजवादी पार्टी के कुछ नेता भी इस बात को मानते हैं कि अंसारी बंधुओं का उनके साथ रहना फायदे का सौदा है लेकिन अखिलेश यादव अपनी एक अलग छवि बनाने की कोशिश में हैं इसी लिए अंसारी बंधुओं को पार्टी में जगह नहीं मिल पायी।

सपा में अब अंसारी बंधुओं के लिए कुछ नहीं!

विलय के बाद भी मुख्तार अंसारी से जुड़े किसी भी नेता को समाजवादी पार्टी ने टिक नहीं मिला है। आपको याद दिला दें कि पिछले दिनों जब समाजवादी पार्टी में मुलायम और शिवपाल यादव का जमाना था तब मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का विलय हुआ था लेकिन अब समाजवादी पार्टी में बहुत कुछ बदल चुका है, अब अखिलेश यादव के हाथ में पार्टी है इसलिए मुख्तार के लिए कोई जगह नहीं है।

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