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शोध ऐसा हो जिससे समाज को भविष्य में कुछ मिले : शक्ति सिन्हा

नई दिल्ली, 27 दिसम्बर (आईएएनएस)| नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी, नई दिल्ली के निदेशक शक्ति सिन्हा ने कहा कि देश का दुर्भाग्य है कि हिंदी में शोधों का अभाव है, लोकपरम्परा में इतना कुछ है जिसमें शोध की जरूरत है। शोधार्थी अगर अपने आस-पास के विषय पर शोध करें तो वह ज्यादा उचित होगा, शोध ऐसा हो जिससे समाज को भविष्य में कुछ मिले। ‘दैनिक जागरण ज्ञानवृत्ति’ विशेष संवाद में सिन्हा ने कहा, हमारी अर्थव्यस्था कैसी है उस पर आगे क्या प्रभाव पडेगा यह भी एक शोध का अच्छा विषय हो सकता है।

अपनी भाषा हिंदी में साहित्य से इतर अन्य विषयों में मौलिक शोध को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दैनिक जागरण ज्ञानवृत्ति की घोषणा की गई है। इसके तहत शोधार्थियों के सवालों और जिज्ञासा को ध्यान में रखते हुए दिल्ली में कनॉट प्लेस आक्सफोर्ड बुक स्टोर में का आयोजन किया गया।

शोध करने के इच्छुक शोधार्थी यहां आवेदन करने से लेकर ज्ञानवृत्ति की चयन प्रक्रिया और उसके बाद शोध की प्रक्रिया तक के तमाम पहलुओं के बारे में गहन परिचर्चा की गई। इस संवाद में निर्णायक मंडल के दोनों सदस्यों भोपाल के बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एसएन चौधरी और नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी, नई दिल्ली के निदेशक शक्ति सिन्हा के साथ वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव भी मौजूद थे और इस कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार अनंत विजय ने किया।

भोपाल के बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एसएन चौधरी ने कहा, शाोधार्थी के सामने सबसे पहले यह समस्या आती है कि कौन सा विषय चुने, मेरे मानने में अगर शोधार्थी छतीसगढ़ के बस्तर, महाराष्ट्र के किसानों पे और बिहार के पलायन तथा हर किसी राज्य की कुछ न कुछ समस्याएं हैं, इनमे शोध करे तो समाज के लिए भी बेहतर होगा।

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