गोला गोकर्णनाथ, खीरी। महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर छोटी काशी भगवान भोले के जयकारों से गूंज उठी। घंटे घडिय़ाल, शंख ध्वनि के बीच सुगंधित धूप दीप से महकते वातावरण में श्रद्धालुओं ने पौराणिक शिवमंदिर में दर्शन पूजन और जलाभिषेक कर सुखमय जीवन की मनौतियां मांगीं। दर्जनों जगह भंडारे लगे और आसपास क्षेत्र के शिवालय भी श्रद्धालुओं की से गुलजार रहे।
छोटी काशी का प्रसिद्ध त्रेतायुगीन शिव मंदिर और पूरा शहर भोले बाबा की भक्ति के उल्लास से झूम रहा था। शिवमंदिर तक पहुंचने वाली गलियां, फल-फूल, पूजन सामग्री और प्रसाद की दुकानों के साथ मुख्य प्रवेश द्वार तक श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होने लगी थी। तीर्थ सरोवर में स्नान ध्यान करने वाले लोग उत्साह में नजर आ रहे थे और समूचे वातावरण में बम भोले के जयकारों, हवन पूजन सामग्री की सुगंध और घंटे घडिय़ाल व शंख ध्वनि के स्वर गुज रहे थे और कतारें बनवाकर भीड़ नियंत्रित करने को जगह-जगह बनाई गई।
बैरिकेडिंग पर पुलिस फोर्स मुस्तैद था। नियमित पूजा अर्चना के साथ जैसे ही मंदिर के पट खुले दर्शनार्थियों में पहले दर्शन की आपाधापी मच गई। लोगों ने बेलपत्र,फल फूल, धूप दीप, नैवेद्य, दूध, गंगाजल, भांग धतूरा, प्रसाद और पूजन सामग्री लेकर श्रद्धाभाव से बम भोले की पूजा अर्चना की और सुखमय जीवन की मनौतियां मांगीं।
तीर्थ सरोवर के घाटों पर हवन पूजन व दान पुण्य करने वालों का भी तांता लगा रहा। इसके अलावा खुटार रोड के श्रीरामजानकी मंदिर, चीनी मिल के लक्ष्मीनारायण मंदिर, पंजाबी कॉलोनी के श्रीराम मंदिर, मंगला देवी मंदिर, फूलबाबा आश्रम सहित विभिन्न मंदिरों में भी विशेष पूजा अर्चना हुई तथा जगह जगह भजन कीर्तनों से पूरा दिन गूंजता रहा। पर्व पर शहर में दर्जनों जगह पूड़ी सब्जी, हलुआ व ठंडाई के भंडारे लगाए गए थे जहां दिन भर प्रसाद वितरण चलता रहा। देर शाम मंदिर उस समय अनूठी आभा से जगमगा उठा जब भगवान शिव पार्वती के विवाह के प्रसंगों के बीच अवढरदानी का भव्य श्रंगार पूजन किया गया तथा मंदिर आभा में जगमगा उठा। देर शाम तक भगवान शिव की बारात निकाले जाने की तैयारियां की जा रही थीं।