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गया : ‘मोक्षस्थली’ में विदेशियों ने पूर्वजों के लिए किया पिंडदान

 गया, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| विश्व में पूर्वजों को मोक्ष प्रदान करने के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी जाने वाली ‘मोक्षस्थली’ बिहार के गया में रविवार को रूस, स्पेन, जर्मनी, चीन, कजाकिस्तान से आए विदेशी पर्यटकों ने भी अपने-अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष प्राप्ति के लिए पिंडदान और तर्पण किया।

  विष्णुपद मंदिर के देव घाट पर विदेशी पर्यटकों ने अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्धकर्म किया और पिंडदान किया। रूस, स्पेन, जर्मनी, चीन, कजाकिस्तान से आए 27 पुरुष, महिलाओं का यह जत्था खासकर इसी कर्मकांड को संपूर्ण करने के लिए यहां पहुंचे हैं। इसमें 10 पुरुष हैं।

इन सभी विदेशी श्रद्धालुओं को गया पाल पंडा पुरुषोत्तम लाल कटरियार, गोपाल लाल कटरियार सहित अन्य के नेतृत्व में लोकनाथ गौड़ दास ने पिंडदान के कर्मकांडों को पूरा कराया।

इस मौके पर रूस से आई मारर्गेटा ने पत्रकारों से कहा, “भारत धर्म और अध्यात्म की धरती है। गया आकर मुझे आंतरिक शांति की अनुभूति हो रही है। मैं यहां अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करने आई हूं।”

गया आने के संदर्भ में पूछे जाने पर रूस के ही निकोलाय कहते हैं कि उन्होंने धर्मगुरु से गया में पिंडदान के बारे में बहुत कुछ सुन रखा है और उससे प्रभावित होकर अपने पूर्वजों को सम्मान देने के लिए यहां आए हैं।

इधर, लोकनाथ गौड़ दास कहते हैं कि प्रत्येक वर्ष पितृपक्ष के मौके पर यहां विदेशी पर्यटकों का जत्था अपने पूर्वजों को मोक्ष दिलाने के लिए पहुंचता है। उन्होंने कहा कि यह जत्था एक-दो दिन बिहार के पर्यटक स्थलों को देखने के बाद वापस लौट जाएगा।

उल्लेखनीय है कि सनातन धर्म में विश्वास करने वाले आश्विन महीने के कृष्ण पक्ष ‘पितृपक्ष’ में अपने पुरखों की आत्मा की शांति और उनके उद्धार (मोक्ष) के लिए लाखों लोग मोक्षस्थली गया में पिंडदान के लिए आते हैं।

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