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एप आधारित टैक्सी ड्राइवरों की हड़ताल से यात्री परेशान

New Delhi: App based taxi drivers staged a protest against the policy of OLA & UBER in New Delhi, on Feb. 11, 2017. (Photo: IANS)

New Delhi: App based taxi drivers staged a protest against the policy of OLA & UBER in New Delhi, on Feb. 11, 2017. (Photo: IANS)

नई दिल्ली| राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कई यात्रियों को शुक्रवार को परेशानी का सामना करना पड़ा, क्योंकि एप आधारित टैक्सी ड्राइवरों ने अपने साझीदारों ओला और उबेर के साथ वित्तीय मुद्दों को लेकर हड़ताल का आह्वान किया है।

उबेर के प्रवक्ता ने हालांकि एक बयान में कहा, “लोगों के एक छोटे से समूह ने दिल्ली के कुछ हिस्सों में सेवा में बाधा पहुंचाई और छिटपुट जगहों से डराने-धमकाने की भी खबर मिली है।”

प्रवक्ता ने कहा, “हम हर किसी को विश्वसनीय सवारी प्रदान करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, ताकि शहर चलता रहे। हम अधिकारियों से ड्राइवरों और सवारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं।”

मल्टीपल स्क्लेरोसिस से पीड़ित 38 वर्षीय रोहित यादव, जो गुरुग्राम स्थित एक निजी कंपनी में काम करते हैं, जैसे ग्राहकों का कहना है उन्हें टैक्सी बुक करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने आईएएनएस को बताया कि उन्हें एप आधारित टैक्सी बुक करने में काफी परेशानी हुई और पिछले दो दिनों से देर से कार्यालय पहुंच रहे हैं।

अन्य यात्री भी जो कार्यालय जाने के लिए एप आधारित कैब का इस्तेमाल करते हैं। उन्हें भी ऐसी ही परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

एक निजी कंपनी में काम करने वाले अभिलाष मिश्रा का कहना है, “निराशाजनक! मैं अपने कार्यालय में इस हड़ताल के कारण एक घंटे देर से पहुंच पाया।”

उन्होंने यह भी कहा, “मेरे घर के पास कोई कैब उपलब्ध नहीं था, तो ऑटो वाले दोगुना भाड़े की मांग कर रहे थे। वे इस हड़ताल का फायदा उठा रहे थे।”

उन्होंने आगे कहा, “हालांकि, लगातार कोशिश करने के बाद आखिरकार मैं एक निजी टैक्सी बुक करने में कामयाब रहा।”

विकास पांडे एक निजी कंपनी में काम करते हैं। उनके पास भी बताने के लिए ऐसी ही कहानी है। उन्होंने आईएएनएस को बताया, “पहले मैं एप से कैब बुक कर लेता था। लेकिन मुझे अब कार्यालय जाने के लिए कई जगहों पर ऑटो बदलकर जाना पड़ा। क्योंकि मेरे घर से कार्यालय तक कोई भी ऑटो नहीं जाती है। इससे मेरा खर्च भी बढ़ा है।”

एप आधारित कैब कंपनियों द्वारा लगातार बदलती नीतियों के खिलाफ दिल्ली ऑटोरिक्शा संघ और दिल्ली प्रदेश टैक्सी यूनियन ने हड़ताल का आह्वान किया है।

एक ड्राइवर ने आईएएनएस को बताया कि ये कंपनियां अब उतनी प्रोत्साहन राशि नहीं दे रही, जितनी ये शुरुआत में देते थे।

एक कैब ड्राइवर ने बताया, “उन्होंने आकर्षक पेशकश के जरिए ड्राइवरों को लुभाया. लेकिन भाड़े में गिरावट के कारण अब हम अच्छी रकम नहीं कमा पा रहे हैं।”

एक दूसरे कैब ड्राइवर ने आईएएनएस को बताया कि उनका संगठन यह मांग कर रहा है कि हमें सरकार द्वारा मंजूर किराया प्रदान किया जाए।

उन्होंने आय में गिरावट के लिए एप आधारित सेवाओं को दोषी ठहराया तथा बेहतर भत्तों, आराम के घंटों और अन्य बातों के अलावा दुर्घटना बीमा की मांग की।

एक अन्य ड्राइवर ने बताया कि कंपनियां अन्य ड्राइवरों द्वारा अटैच किए गए कारों की जगह पर अब अपनी कारों को तरजीह दे रही है।

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Dileep Kumar
the authorDileep Kumar