SpiritualTop News

आज रात करें मां काली की पूजा, शत्रुओं का होगा नाश

नई दिल्ली। दिवाली की रात कार्तिक अमावस्या को मां काली की पूजा-अर्चना की जाएगी। अमावस्या तिथि का मुहूर्त 19 अक्टूबर रात 12.13 बजे से शुरू होकर 20 अक्टूबर 12.41 बजे पर समाप्त होगा। पंडितों के मुताबिक मां काली अपने भक्तों की रक्षा कर शत्रुओं का नाश करती हैं।

कहा जाता है कि मां काली सिद्धियों और परलौकिक शक्तियों की स्वामिनी हैं। निशा पूजा मां काली की आम पूजा नहीं है। मां काली को प्रसन्न करने के लिए उल्लू, काले कबूतर या काले छागर की बलि दी जाती है। कहा जाता है कि निशा पूजा वही देख सकता है जिस पर माता की असीम कृपा हो।

वैसे तो मां काली की पूजा प्रत्येक दिन होती है, लेकिन कार्तिक मास की अमावस्या को श्रद्धाभाव और मनोयोग से अर्धरात्रि में मां काली की पूजा खासा सिद्ध होती है। पूजा की शुरुआत में घर में देवी काली की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें। स्नान करके साफ कपड़े पहनकर मां की प्रतिमा के सामने दीप जलाएं। लाल गुड़हल के फूल समर्पित करें।

तंत्र-मंत्र और साधना करने वालों के लिए महानिशा पूजा या काली पूजा का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि इस दिन रात 12 बजे से सुबह तक तंत्र मंत्र करने से विशेष सिद्धियों की प्राप्ति होती है। यही वजह है कि दिवाली की रात तांत्रिकों और अघोरियों का श्मनान में तांता लगा रहता है।

=>
=>
loading...
BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH