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गोवा : मंत्री के माफिया से खतरे के दावे पर विपक्ष ने सरकार को घेरा

पणजी, 13 सितम्बर (आईएएनएस)| गोवा के एक मंत्री द्वारा सार्वजनिक तौर पर ड्रग माफिया से खतरा होने का दावा किए जाने के बाद तटीय राज्य में राजनीतिक भूचाल आ गया है। विपक्षी दलों ने भाजपा नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार पर गैर कानूनी तत्वों को खुली छूट देने का आरोप लगाया है। सिओलिम से विधायक मत्स्य पालन मंत्री विनोद पलिएंकर ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने माफिया से मिली धमकियों के कारण सार्वजनिक तटों पर सुबह सैर करना छोड़ दिया है। सिओलिम में अंजुना और चापोरा जैसे तटीय गांव हैं।

विनोद ने कहा, लोग मेरा पीछा करते हैं। ऐसा लगता है कि वे जानते हैं कि मैं कहां जा रहा हूं। मैंने समुद्र तटों पर सुबह सैर करना भी छोड़ दिया है। अब मैं अपने घर की छत पर ही टहलता हूं।

मतस्य पालन मंत्री रेव पार्टियों के खिलाफ लगातार आवाज उठाने के कारण चर्चा में रहे हैं। उनका दावा है कि ऐसी पार्टियों में मादक पदार्थो का जमकर सेवन किया जाता है। अंजुना व चापोरा ऐसी पार्टियों के लिए प्रसिद्ध हैं।

मंत्री ने मीडिया से कहा कि उनके कारण ‘निहित स्वार्थो’ को चोट पहुंच रही है, इसलिए उन्हें माफिया से धमकियां मिल रही हैं।

विनोद ने यह भी कहा उन्होंने आधिकारिक तौर पर राज्य के मुख्य सचिव धर्मेंद्र शर्मा को इन खतरों के बारे में बताया था, जिस पर मुख्य सचिव ने उनकी सुरक्षा बढ़ाने की बात कही थी।

विनोद द्वारा खुले तौर पर किए गए इस दावे ने विपक्ष को एक और नया मुद्दा दे दिया है। विपक्ष ने कानून और व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के लिए मनोहर पर्रिकर सरकार की आलोचना की है।

आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता एश्ले डो रोसारियो ने आईएएनएस से कहा, गोवा में कानून और व्यवस्था की स्थिति इस हद तक गिर चुकी है कि एक कैबिनेट मंत्री भी असुरिक्षत महसूस कर रहे हैं। उन्होंने सार्वजनिक रूप से व्यक्त किया है कि उनके जीवन को खतरा है। यह अप्रत्याशित और चौंकाने वाला है।

उन्होंने कहा, पलिएंकर को तत्काल उच्च स्तरीय सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए।

रोसारियो ने कहा कि यह पर्रिकर सरकार की नाकामी और उनके मंत्रिमंडल और सरकार में अनुशासनहीनता दर्शाता है, जहां मंत्री एक दूसरे के विभागों में दखल देते हैं।

कांग्रेस ने भी पर्रिकर सरकार की निंदा की।

कांग्रेस विधायक एलेक्सो रेगिनाल्डो ने आईएएनएस से कहा, अगर सरकार खुद अपने मंत्री की ही रक्षा नहीं कर सकती, तो आम आदमी की रक्षा कैसे करेगी? सरकार के साथ ही कानून और व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब है।

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