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द बॉडी शॉप ने भारत में किया बायो ब्रिज प्रोजेक्ट का ऐलान

नई दिल्ली, 12 सितम्बर (आईएएनएस)| द बॉडी शॉप ने आज अपनी सीएसआर पहल के तहत मेघालय के गारो हिल्स में बायो-ब्रिज प्रोजेक्ट की शुरूआत की।

सितम्बर 2017 से शुरू होने वाले इस अभियान के दौरान ने अपने हर लेनदेन के जरिए लुप्तप्राय भारतीय हाथी और वेस्टर्न हूलॉक गिब्बन को संरक्षण प्रदान बायो ब्रिज भारत में होने वाले हर लेनदेन से एक वर्ग मीटर वृक्षारोपण द्वारा के प्राकृतिक आवास को सुरक्षित रखने में मदद करेगा। जैव-विविधता की क्षति धरती की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। बायो ब्रिज उन प्रजातियों के प्राकृतिक आवास सुरक्षा प्रदान कर खतरे में पड़ चुकी जानवरों और पौधों की प्रजातियों को जानवरों को सुरक्षित रखने के लिए प्रयासरत है। इससे जानवरों को अपने साथियों के साथ जुड़े रहने और अपने प्रजातियों को को बनाए रखने में मदद मिलेगी।

बायो ब्रिज प्रोग्राम द बॉडी शॉप की एक पहल है जो पिछले साल लांच किए गए इनरीच नॉट एक्पोलीट कमीटमेंट के तहत 7.5 मिलियन वर्ग मीटर आवास को सुरक्षित रखने के लिए शुरू की गई है। प्रोग्राम के माध्यम से द बॉडी शॉप अब तक वियतनाम , मलेशिया और इंडोनेशिया में 7.2 मिलियन वर्ग मीटर प्राकृतिक आवास को सुरक्षित कर चुका है। प्रोग्राम जून 2016 से जारी है।

वल्र्ड लैण्ड टंस्ट और स्थानीय साझेदार वाइल्डलाईफ टंस्ट ऑफ इण्डिया (डब्ल्यूटीआई) के साथ साझेदारी में द बॉडी शॉप भारत के मेघालय गारो हिल्स जिले में बायो-ब्रिज बनाएगा तथा लुप्तप्राय एवं खतरे में पड़े चुकी जानवरों की प्रजातियों के प्राकृतिक आवास को सुरक्षित रखने में मदद करेगा। गारो हिल्स दुनियां के सबसे नम क्षेत्रों में से एक है।

डब्ल्यूटीआई ने स्थानीय समुदायों की मदद से किए हैं तथा झूमिंग 1/4एक प्रकार की पारम्परिक खेती जिसमें खेतों को जलाया जाता है और जो हाथियों के प्राकृतिक आवास को नष्ट करती है1/2 के प्राकृतिक विकल्प पेश करने का प्रयास किया है।

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