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इस तकनीक से Microsoft तैयार करने में जुटा खुद उड़नेवाले ग्लाइडर

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सैन फ्रांसिस्को। Microsoft कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) तकनीक को ग्लाइडर में इस्तेमाल करने जा रहा है। खुद उड़ने वाले ग्लाइडर बनाए जा सकें। कंपनी ने अमेरिका के नेवादा राज्य में इसका सफल परीक्षण किया है। माइक्रोसॉफ्ट के शोधकर्ता भारतीय मूल के अशीष कपूर इस परियोजना का नेतृत्व कर रहे हैं।विज्ञान और तकनीक, Microsoft,Artificial intelligence, computer algorithm, नेवादा, स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालयउनके दल ने खुद से हवा में उड़नेवाले दो ग्लाइडर्स का सफल परीक्षण किया है। रिपोर्ट के मुताबिक कंप्यूटर एल्गोरिदम के जरिए ऑनबोर्ड सेंसर से मिले आंकड़ों का स्वत: विश्लेषण करते हुए ये ग्लाइडर हवा की गति, तापमान और अवरोधों को भांपते हुए खुद अपनी गति और ऊंचाई बनाए रखते हुए उड़ते रहते हैं। वे गर्म हवा की ऊंचाई का अंदाजा लगाकर उसकी मदद से देर तक उड़ते रहते हैं।

कंपनी एक ऐसा स्वायत्त विमान तैयार करना चाहती है जो बहुत कम ऊर्जा में घंटों, दिनों और महीनों तक खुद से उड़ान भर सके। इनका इस्तेमाल मौसम के पैटर्न को वैज्ञानिकों द्वारा ट्रैक करने, फसलों की निगरानी करने के लिए किया जा सकता है। इन जगहों पर इंटरनेट पहुंचाने के लिे भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

वहीं इसी संबंध में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के एयरोनॉटिक्स और एस्ट्रोनॉटिक्स के प्रोफेसर माइकेल कोचेंडरफर का कहना है कि कंपनी की परियोजना सेल्फ डाइविंग वाहनों से आगे की चीज है। ऐसे ग्लाइडर से बिना किसी को नुकसान पहुंचाए कई क्षेत्रों के काम को निपटाया जा सकता है।

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Sudha Pal
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