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प्रयोगशालाओं की जगह लेंगे अब स्मार्टफोन आधारित क्लीनिकल परीक्षण

स्मार्टफोन , अर्बाना-चैम्पेन, प्रयोगशालाओं की जगह नैदानिक परीक्षण, स्पेक्ट्रल-ट्रांसमिशन-रिफेक्टेंस-इंटेंसिटी -एनालाइजर , टीआरआई -एनालाइजर , बॉयोसेंसिंग , स्विस आर्मी चाकू, प्रोफेसर ब्रायन कनिंघम , यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनॉइस , प्रीटर्म गर्भ , बायोमार्कर

न्यूयॉर्क। स्मार्टफोन आधारित नैदानिक परीक्षण, प्रयोगशाला के स्तर के नतीजे दे सकता है। अमेरिका के अर्बाना-चैम्पेन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनॉइस के शोधकर्ताओं ने एक हाथ में पकड़े जाने के आकार के स्पेक्ट्रल विश्लेषक तैायार किया है। ये स्मार्टफोन से जुड़ सकता है और मरीज के खून, पेशाब या लार से नमूनों का विश्लेषण कर सकता है।स्मार्टफोन , अर्बाना-चैम्पेन, प्रयोगशालाओं की जगह नैदानिक परीक्षण, स्पेक्ट्रल-ट्रांसमिशन-रिफेक्टेंस-इंटेंसिटी -एनालाइजर , टीआरआई -एनालाइजर , बॉयोसेंसिंग , स्विस आर्मी चाकू, प्रोफेसर ब्रायन कनिंघम , यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनॉइस , प्रीटर्म गर्भ , बायोमार्करशोधकर्ताओं ने कहा है कि स्पेक्ट्रल-ट्रांसमिशन-रिफेक्टेंस-इंटेंसिटी (टीआरआई)-एनालाइजर की कीमत 550 डॉलर है। ये क्लिनिक में खरीदे जानेवाले सामान के हजारों डॉलर की बचत करता है।

प्रोफेसर ब्रायन कनिंघम ने बताया, “हमारा टीआरआई विश्लेषक स्विस आर्मी चाकू जैसा है, जो बॉयोसेंसिंग का काम करता है। यह चिकित्सा निदान में तीन सबसे अधिक किए जाने वाले परीक्षण को करने में सक्षम है, तो हजारों तरह के पहले से विकसित परीक्षण की जगह यह ले सकता है।”

टीआरआई एनालाइजर का इस्तेमाल दो व्यवसायिक रूप से उपलब्ध परीक्षण के लिए किया गया। पहला परीक्षण गर्भवती महिलाओं में प्रीटर्म गर्भ से जुड़ बायोमार्कर का पता लगाने के लिए किया गया। दूसरा टेस्ट नवजात शिशुओं में अप्रत्यक्ष रूप से एक एंजाइम की मौजूदगी की जांच के लिए किया गया।

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Sudha Pal
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