वॉशिंगटन। भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक समेत वैज्ञानिकों के एक समूह ने एक ऐसा उपकरण तैयार किया है जो शरीर में त्वचा कोशिकाओं को केवल छूकर किसी भी दूसरी कोशिका में बदल सकता है। इस तकनीक के जरिेए अब चोटिल ऊतकों, रक्त धमनियों और नसों के उपचार में बहुत मदद मिल सकेगी।
अमेरिका की ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर रीजनरेटिव मेडिसिन एंड सेल बेस्ड थेरैपीज़ के निदेशक चंदन सेन ने कहा, ”हमारी इस अनूठी नैनोचिप तकनीक के माध्यम से चोटिल या ऐसे अंगों को बदला जा सकता है जो ठीक से काम नहीं कर पा रहे। हमने दिखाया है कि त्वचा एक उपजाऊ भूमि है जिस पर हम किसी भी ऐसे अंग के तत्वों को पैदा कर सकते हैं, जिनमें कमी आ रही है। इसकी कल्पना करना मुश्किल है लेकिन ऐसा संभव है।”
यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने ‘टिशु नैनोट्रांस्फेक्शन’ (TNT) तैयार किया है। इसका परीक्षण चूहों एवं सूअरों पर किया गया है। इस तकनीक की मदद से बुरी तरह से घायल उन पैरों में त्वचा कोशिकाओं को वैस्कुलर कोशिकाओं में बदला गया जिनमें रक्त प्रवाह बाधित हो गया था। एक हफ्ते में घायल पैर में सक्रिय रक्त कोशिकाएं दिखाई दीं और दूसरे हफ्ते में पैर ठीक हो गया।