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पृथ्वी जैसे ग्रह की तलाश अभियान में रुकावट हैं छिपे तारे

छिपे तारे, पृथ्वी, पृथ्वी जैसा ग्रह , आकाशगंगा , नासा

‘ऐस्ट्रोनॉमिकल जर्नल’ के आगामी संस्करण में ये अध्ययन प्रकाशित होगा

वॉशिंगटन। विशाल आकाशगंगा में छिपे हुए तारों से उस तारामंडल के दूसरे ग्रह अपने वास्तविक आकार से छोटे दिखते हैं। इससे पृथ्वी के समान ग्रह ढूंढने के लिए चलाए जा रहे अभियान एवं शोध प्रभावित होते हैं।

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पृथ्वी जैसे ग्रह का पता लगाने में ग्रहों का घनत्व एक अहम कारक होता है। कम घनत्व होने से वैज्ञानिक यह संकेत पाते हैं कि ग्रह गैसों से भरा है जैसे बृहस्पति। वहीं घनत्व अधिक होने का मतलब है कि ग्रह पृथ्वी जैसा चट्टानी है।

नए अध्ययन के मुताबिक, कुछ ग्रह पूर्व अनुमान से कम घनत्व के पाए गए। ऐसा उस तारामंडल में विद्यमान एक दूसरे छिपे हुए तारे की वजह से हुआ। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के केप्लर स्पेस टेलीस्कोप जैसे अत्याधुनिक वेधशालाओं द्वारा भी कई बार पास-पास अपनी कक्षाओं में चक्कर लगा रहे दो तारे तस्वीरों में प्रकाश के एक बिंदु की तरह दिखाई पड़ सकते हैं।

कैलीफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में इंफ्रारेड प्रॉसेसिंग एंड एनालिसिस सेंटर (आईपीएसी) में अध्ययन के लेखकों में से एक एलिस फुरलान ने कहा, “कितने ग्रह पृथ्वी के समान आकार में छोटे हैं और कितने ग्रह बृहस्पति के समान आकार में बड़े हैं।

इसे लेकर हमारी समझ तारों के बारे में बढ़ती सूचनाओं के साथ बदल सकती है।”आपको बता दें कि यह अध्ययन शोध-पत्रिका ‘ऐस्ट्रोनॉमिकल जर्नल’ के आगामी संस्करण में प्रकाशित होगा।

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Sudha Pal
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