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अगर आप गेहूं से बनी चीज़ों का करते हैं इस्तेमाल, तो सावधान!

गेहूं से बनी चीज़ों का इस्तेमाल ,ग्लूटेन प्रोटीन, ग्लूटेन असहनशीलता की समस्या, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन

ग्लूटेन प्रोटीन वाली इन चीज़ों का ध्यान से करें सेवन

नई दिल्ली। ज्यादातर भारतीय घरों में गेहूं से बनीं चीज़ों का इस्तेमाल खाने में किया जाता है। अगर आप कुछ दिन गेहूं से बने पदार्थ छोड़ने पर हल्का महसूस करते हैं, तो संभव है कि आपको ग्लूटेन असहनशीलता की समस्या हो।गेहूं से बनी चीज़ों का इस्तेमाल ,ग्लूटेन प्रोटीन, ग्लूटेन असहनशीलता की समस्या, इंडियन मेडिकल एसोसिएशनग्लूटेन असहनशीलता तब होती है, जब गेहूं में पाए जाने वाला ग्लूटेन प्रोटीन, पेट के अंदर मौजूद कोशिकाओं में विपरीत प्रतिक्रिया उत्पन्न कर देता है। आजकल हम गेहूं के नए स्ट्रेन खाते हैं और आधुनिक हैक्साप्लॉएड गेहूं में एंटीजेनिक ग्लूटेन अधिक होता है, जो सैलिएक रोग की वजह बनता है।

एक शोध के मुताबिक करीब 10 प्रतिशत भारतीय आबादी ग्लूटेन से जुड़ी समस्याओं से ग्रसित है। अगर इलाज न किया जाए तो यह हृदय रोग या पेट के कैंसर की समस्या आ सकती है। इस रोग की तीव्रता, प्रकार और जीनोमिक बनावट पर निर्भर करता है कि व्यक्ति को गेहूं से एलर्जी है या वो सैलिएक रोग से पीड़ित है। इस रोग में व्यक्ति पूरी तरह से ग्लूटेन प्रोटीन के प्रति असहनशील होता है।

  गेहूं से बनी चीज़ों का इस्तेमाल ,ग्लूटेन प्रोटीन, ग्लूटेन असहनशीलता की समस्या, इंडियन मेडिकल एसोसिएशनइंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के के अग्रवाल तथा आईएमए के मानद महासचिव डॉ. आर.एन. टंडन ने एक संयुक्त वक्तव्य में कहा, “कई भारतीयों को लगता है कि ग्लूटेन असहनशीलता एक विदेशी रोग है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इसे भारत में कभी गंभीरता से लिया ही नहीं गया। इस रोग के बारे में जागरूकता की कमी से इसकी पकड़ नहीं हो पाती।”गेहूं से बनी चीज़ों का इस्तेमाल ,ग्लूटेन प्रोटीन, ग्लूटेन असहनशीलता की समस्या, इंडियन मेडिकल एसोसिएशनडॉ. अग्रवाल ने आगे बताया कि शरीर में मौजूद दो जीन्स, एचएलए अणुओं के डीक्यू2 या डीक्यू8, ग्लूटेन असहनशीलता या सैलिएक रोग के खतरे को पहचानने में मदद कर सकते हैं।

लक्षण
ग्लूटेन एलर्जी, साधारण एलर्जी के विपरीत, आसानी से नजर नहीं आती, क्योंकि इसके लक्षण अन्य रोगों से मिलते जुलते होते हैं, जैसे सिर दर्द, पेट में मरोड़, पेट फूलना, चिंता, अवसाद। ग्लूटेन असहनशीलता से अस्थमा, त्वचा में जलन, और महिलाओं में मासिक चक्र की गड़बड़ शुरू हो सकती है।

ग्लूटेन रहित भोजन की आदत पड़ने में समय लग सकता है। अनेक ग्लूटेन रहित भोजन ऐसे हैं तो स्वादिष्ट होने के साथ साथ पौष्टिक भी हैं, जैसे ये-

बीन्स, बीज और गिरी
ताजे अंडे
ताजा मांस, मछली और चिकन
फल व सब्जियां
दूध से तैयार पदार्थ

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Sudha Pal
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