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इस शहर की 350 साल पुरानी मस्जिद में लगती है भूतों की अदालत

जिन्नाथों की पुरानी मस्जिद, भूतों की अदालत, कानपुर, जाजमऊ

हर गुरुवार को पुरानी मस्जिद पर भूतों को मिलती है सज़ा

कानपुर। इंसानों को आदालत में सजा मिलते तो आपने देखा और सुना होगा लेकिन इस पुरानी मस्जिद में इंसानों के लिए नहीं, भूतों के लिए लगती है अदालत। यहां भूतों को उनके अपराध के लिए सजा दी जाती है।जिन्नाथों की पुरानी मस्जिद, भूतों की अदालत, कानपुर, जाजमऊयूपी के कानपुर के जाजमऊ गंगा के किनारे स्थित 350 साल पुरानी जिन्नाथों की मस्जिद पर भूतों की अदालत लगती है। भूत-प्रेत से पीड़ित व्यक्ति आते हैं। हर गुरुवार को भूतों को उनके अपराध की सजा सुनाई जाती है। जिन्नाथों की मस्जिद के नाम से मशहूर इस स्थान पर सैंकड़ों की तादात में हिंदू श्रद्धालु भी आते हैं। ये सभी लोग जिन्नाथ को खुश करने के लिए अच्छा खासा नजराना भी चढ़ाते हैं।

पीर बाबा पीड़ित को एक दरवाजे के पास ले जाकर पहले उसे जुर्म कबूल करवाते हैं और फिर फांसी की सजा का एलान करते हैं। अदालत में एक मुकदमा लिखने वाला और पढ़ने वाला और उसे कलमबंद करने के लिए एक मुशी भी मौजूद होता है। दिनभर में करीब 50 से 60 मुकदमों की सुनवायी होती हैईद के मौके पर यहां मेला भी लगता है।

रहस्यमयी है इस मस्जिद का निर्माण

इस निर्माण की खास बात ये है कि एक रात में ही इस मस्जिद का निर्माण हो गया। किसी ने मस्जिद को बनते नहीं देखा। किसी अदृश्य शक्ति ने इसका निर्माण किया। बताते हैं कि मुगलशासक औरंगजेब के सिपहसलार कुलीच खान ने जाजमऊ इलाके में 1679 के आसपास का निर्माण कराया था।

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Sudha Pal
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