भारत है गैस का चौथा सबसे बड़ा एलएनजी आयातक
नई दिल्ली। इस समय जापान, कोरिया और चीन के बाद भारत गैस का चौथा सबसे बड़ा एलएनजी आयातक है। तेल क्षेत्र की दिग्गज कंपनी रॉयल डच शेल के मुताबिक भारत में गैस का बाजार मौजूदा स्तर से 2030 तक 6 गुना बढ़ सकता है।कंपनी का कहना है कि तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की हिस्सेदारी इसमें सबसे ज्यादा हो सकती है। भारत 2030 तक अपनी कुल ऊर्जा खपत में गैस की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत से ज्यादा करने की कवायद में है।
भारत में 4 एलएनजी टर्मिनल हैं, जिनकी सालाना री-गैसीफिकेशन क्षमता 2.2 करोड़ टन है। शेल कंपनी के चेयरमैन नितिन प्रसाद ने कहा, ”मौजूदा 7 प्रतिशत हिस्सेदारी के हिसाब से देखें तो भारत का गैस बाजार 2.5 प्रतिशत बढ़ सकता है। अगर एनर्जी बास्केट में गैस की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत करनी है, जैसा कि सरकार का लक्ष्य है, तो इसमें 6 गुना बढ़ोतरी होगी। इसलिए भारत में गैस को लेकर हमारा रुख बहुत सकारात्मक है।”
कंपनी की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन और भारत में एलएनजी की मांग में तेजी है। इन देशों ने 2016 में आपूर्ति में हुई वृद्धि का खपत कर लिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि गैस की वैश्विक मांग 2015 से 2030 के बीच 2 प्रतिशत बढऩे की संभावना है, वहीं एलएनजी की मांग 4 से 5 प्रतिशत बढऩे की संभावना है।
वहीं शेल एनर्जी एशिया के उपाध्यक्ष अजय शाह ने कहा कि 2016-17 में भारत ने करीब 2 करोड़ टन एलएनजी का आयात किया। 2005 में हजीरा परियोजना के साथ काम करने के दौरान ये शून्य था और 12 साल के अंदर बढ़कर 2 करोड़ टन से ज्यादा हो गया।