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‘मुक्ति भवन’ को सराहे जाने से खुश हूं : शुभाशीष भूटियानी 

नई दिल्ली| बॉलीवुड के युवा निर्देशकों में से एक शुभाशीष भूटियानी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। हाल ही में ‘मुक्ति भवन’ जैसी उम्दा फिल्म बनाकर उन्होंने साबित कर दिया है कि वह केवल शौकिया तौर पर नहीं, बल्कि फिल्मों के निर्देशन को लेकर पूरी तरह से संजीदा हैं।

वेनिस फिल्म महोत्सव और न्यूयॉर्क इंडियन फिल्म फेस्टिवल में तारीफें बटोरने के बाद ‘मुक्ति भवन’ का जल्द ही ब्रिटेन में हिंदी में प्रीमियर होगा। यह फिल्म 22 जून से 29 जून के बीच चलने वाले बागरी फाउंडेशन लंडन इंडियन फेस्टिवल के दौरान 27 जून को दिखाई जाएगी।

शुभाशीष ने टेलीफोन पर मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, “इस फिल्म को केवल भारत ही नहीं, दुनिया भर में सराहा गया है। मैं ब्रिटेन में फिल्म के प्रीमियर को लेकर बहुत उत्साहित हूं और वास्तव में मैं वहां को लोगों की प्रतिक्रियाएं जानने का इंतजार नहीं कर पा रहा हूं।”

इस फिल्म ने पिछले साल वेनिस फिल्म फेस्टिवल में प्रिक्स एनरिको फुलचिगनोनी पुरस्कार जीता था। यह न्यूयॉर्क इंडियन फिल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का खिताब और 64वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों ‘विशेष उल्लेख’ हासिल कर चुकी है।

‘मुक्ति भवन’ का जब वेनिस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में प्रीमियर हुआ, तो लोगों ने फिल्म के लिए स्टैंडिंग ओवेशन दिया। तालियों की गड़गड़ाहट से हॉल गूंजता रहा और दुनियाभर के फिल्म जगत से जुड़े दिग्गज फिल्म की तारीफ करते नहीं थके।

शुभाशीष कहते हैं, “मैं इतना सम्मान पाकर बहुत खुश हूं। मैं बताना चाहता हूं कि जब कोई फिल्म बनाता है, तो वह इसके बदले प्रशंसा मिलने पर नहीं बस अपनी कहानी को सबसे बेहतरीन तरीके से कहने पर ध्यान देता है।”

उन्होंने कहा, “मैं हालांकि मानता हूं कि हमें मिलने वाली हर प्रशंसा मायने रखती है, यह हमारी पहली फिल्म है और इसे सर्वश्रेष्ठ फिल्म के रूप में देश और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार मिलना हमारे लिए काफी मायने रखता है।”

यह फिल्म जीवन जीने और अपने जीवन के मूल्य को समझने से जुड़ी है। ‘मुक्ति भवन’ की कहानी एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति (आदिल हुसैन) की है, जो अपने बीमार पिता (ललित बहल) को लेकर वाराणसी के एक अतिथिगृह ‘मुक्ति भवन’ में जाता है।

फिल्म की पृष्ठभूमि वाराणसी है। इससे पहले भी बॉलीवुड की तमाम फिल्मों में काशी को दिखाया जा चुका है। ‘मुक्ति भवन’ में भी काशी को कुछ अलग तरीके से दिखाने के सवाल पर शुभाशीष ने कहा, “यह सच है कि इससे पहले असंख्य फिल्मों में काशी को दिखाया जा चुका है चूंकि हमारी कहानी काशी पर ही आधारित थी, इसलिए पूरी फिल्म में केवल काशी को ही प्रमुखता दी गई है।

इसके दृश्यों पर हमने काफी मेहनत की थी, हमारी कोशिश थी कि दर्शकों को इस फिल्म के जरिए एक अलग तरह की काशी नजर आए।”

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Dileep Kumar
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