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बिहार में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म 

पटना| पटना में मेडिकल छात्रों पर पीजी काउंसलिंग के दौरान हुए लाठीचार्ज के विरोध में बुधवार से शुरू हुई जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल गुरुवार शाम स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के आश्वासन के बाद समाप्त हो गई।

गुरुवार को 12 बजे रात से सभी जूनियर डॉक्टर काम पर लौट आएंगे। स्वास्थ्य विभाग के सचिव आर. के. महाजन ने जूनियर डाक्टरों की हड़ताल के बाद मामले पर संज्ञान लेते हुए हड़ताल में शामिल डक्टरों को उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया।

इसके बाद पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) प्रशासन ने पहल करते हुए जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (जेडीए) के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की।

आश्वासन मिलने के बाद पीएमसीएच के जेडीए के अध्यक्ष डॉ़ विनय कुमार ने हड़ताल वापस लेने की घोषणा की। अध्यक्ष ने बताया कि राज्य के सभी जूनियर डॉक्टर 12 बजे रात से अपने कार्य पर लौट आएंगे।

जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने के कारण बिहार के सबसे बडे अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है, जिससे मरीज परेशान हैं।

सोमवार को मेडिकल छात्रों पर पीजी मैट की काउंसेलिंग के दौरान जूनियर डक्टर और पुलिस के बीच भिड़ंत हो गई थी, जिसके बाद पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया गया था तथा पांच छात्रों को गिरफ्तार किया गया था। इसके विरोध में बुधवार से पीएमसीएच के करीब 450 जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे।

हड़ताल की वजह से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। इलाज के अभाव में केवल पीएमसीएच में दो दिनों के अंदर 17 मरीजों की मौत हो गई है। गुरुवार को आठ मरीजों की मौत हुई है।

अस्पताल प्रबंधन हालांकि इलाज के अभाव में मौत की सूचना से इनकार कर रहा है। प्रबंधन का कहना है कि मरने वाले मरीजों की स्थिति गंभीर थी, इस कारण उनकी मौत हुई है।

पीएमसीएच के अधीक्षक लखींद्र प्रसाद ने बताया, “कुछ मरीजों के मौत की सूचना है परंतु उसका आंकड़ा उनके पास नहीं है। मरने वाले मरीजों की स्थिति नाजुक थी। इलाज के अभाव में किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है।”

उन्होंने दावा किया कि आपातकालीन सेवा सामान्य तौर पर चल रही है। आपातकालीन सेवा के लिए अन्य जगहों से 25 से ज्यादा डॉक्टरों को पीएमसीएच बुलाया गया था।

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Dileep Kumar
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