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शाजी जमां के उपन्यास ‘अकबर’ का लोकार्पण

Mr. Ashok Maheshwari,MD Rajka ... at IIC during the launch

नई दिल्ली| कोलकाता के इंडियन म्यूजि़यम से लेकर लंदन के विक्टोरिया एल्बर्ट तक के बेशुमार संग्रहालयों में मौजूद बादशाह अकबर के बारे में जानकारियां हासिल लिखी गए उपन्यास ‘अकबर’ का बुधवार को लोकर्पण किया गया। प्रख्यात लेखक शाजी जमां ने 20 साल तक तैयारी के बाद इस पुस्तक को लिखा है। लोकर्पण के अवसर पर लेखक शाजी जमां ने कहा, “उपन्यास की पहली आहट से जैसी प्रतिक्रिया मिलनी शुरू हुई उस से जाहिर हुआ कि बादशाह अकबर की याद चार सौ बरस बाद भी हिंदुस्तान के दिल में जि़ंदा है, और दीन और दुनिया को समझने और समझाने की जद्दोजहद अकबर के बाद भी हर दौर में प्रासंगिक है।”

पिछले कुछ ह़फ्तों से इस उपन्यास की अमेजन पर प्री-बुकिंग चल रही थी और सोशल मीडिया और व्यापक पाठक समाज में इसकी जबर्दस्त चर्चा रही। उपन्यास अब बाजार में उपलब्ध हो चुका है।

शाजी जमां ने इसे बाजार से लेकर दरबार तक के ऐतिहासिक प्रमाणों के आधार पर रचा है। उन्होंने कोलकाता के इंडियन म्यूजि़यम से लेकर लंदन के विक्टोरिया एल्बर्ट तक के बेशुमार संग्रहालयों में मौजूद अकबर की या अकबर द्वारा बनाई गई तस्वीरों को जाना-समझा है। बादशाह और उनके करीबी लोगों की इमारतों का मुआयना किया है और ‘अकबरनामा’ से लेकर ‘मुन्तखबुत्तवारीख’, ‘बाबरनामा’, ‘हुमायूंनामा’ और ‘तजिकरातुल वाकयात’ जैसी किताबों का और जैन और वैष्णव संतों और ईसाई पादरियों की लेखनी का भी अध्ययन किया है। दरअसल यह उपन्यास न केवल इतिहास से जुड़े कई तरह के भ्रांतियों को तोड़ता है, बल्कि नई जानकारियों को प्रमाण के साथ सामने ला रहा है। उपन्यास के कई आकर्षणों में से एक अकबर के जीवन की वो दुर्लभ रंगीन तस्वीरें हैं जिन्हें किताब में शामिल किया गया है।

अकबर के समय के भारत और अकबर के साम्राज्य का नक्शा जानेमाने नक्शानवीस ‘फैज हबीब’ ने खास तौर पर इसी उपन्यास के लिए तैयार किया है। मुगल वंश वृक्ष के साथ ही कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां हैं भी किताब में साझा की गई हैं। पुस्तक का प्रकाशन राजकमल प्रकाशन ने किया है। राजकमल से शाजी जमां के दो उपन्यास ‘प्रेमगली अति सांकरी’ और ‘जिस्म जिस्म के लोग’ पहले से प्रकाशित हैं।

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Dileep Kumar
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