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अमान्य भारतीय नोटों के भूटान पहुंचने की आशंका

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थिम्पू| भारत में अचानक 500 और 1,000 रुपये के नोटों के अमान्य किए जाने से कालेधन के भूटान पहुंचने की आशंका बढ़ गई है। इससे देश के निर्यात बाजार पर भी असर पड़ने की आशंका है। भारत-थिम्पू राष्ट्रीय राजमार्ग सीमा पर एक व्यापारिक केंद्र फुइंतशोलिंग में अचानक जांच के दौरान पुलिस ने सात लाख रुपये ले जा रही एक टैक्सी को रोका।

यह सभी राशि 1000 रुपये के नोटों में थी, जो आठ नवंबर को अमान्य किए जा चुके हैं|समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, टैक्सी भूटान-भारतके सीमावर्ती शहर फुइंतशोलिंग से थिम्पू जा रही थी।यह राशि यात्री सीट के नीटे काली प्लास्टिक में रखी गई थी।

भारत, भूटान का सबसे बड़ा आयात और निर्यात बाजार है। इस वजह से नोटबंदी ने भूटान की आलू और संतरे जैसी नकदी फसलों की बिक्री पर असर डाला है। इससे किसान परेशान हैं।भारतीय रुपये भूटान में व्यापार और पनबिजली परियोजनाओं की वजह से चलन में हैं जिनमें से अधिकांश दोनों देशों का संयुक्त उपक्रम हैं।

सेंट्रल बैंक ऑफ भूटान ने नोटबंदी के फैसले के बाद भारतीय रिजर्व बैंक से इस मुद्दे पर चर्चा की थी। इसने कुछ समय के लिए पुराने नोटों के जमा करने की भी घोषणा की थी।भूटान के शाही मौद्रिक प्राधिकरण (आरएमए) के अनुसार, भारतीय रुपये देश की अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा भंडार का 30 प्रतिशत हैं। यह 27 अरब रुपये (39 करोड़ डॉलर)की राशि है।

सरकार और सेंट्रल बैंक दोनों ने लोगों से किसी भी तरह रुपये की गतिविधियों के लेनदेन से बचने और सावधानी बरतने के लिए कहा है।नोटबंदी के बाद से सेंट्रल बैंक ने भूटान में करीब 1.2 अरब की राशि के 500 और 1,000 रुपये के नोटों का संग्रह किया है।

 

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