कोलकाता | पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को तीनों सीटों पर हुए उपचुनाव में विपक्ष को भारी अंतर से हराकर जीत हासिल की है। इसमें लोकसभा की दो सीटें और विधानसभा की एक सीट शामिल है। इन सीटों पर 19 नवंबर को मतदान हुए थे। ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल ने कूच बिहार और पूर्वी मिदनापुर जिले की तमलुक लोकसभा सीट जीत ली। तृणमूल ने बर्दवान जिले की मोंटेश्वर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भारी मतों से जीत हासिल की।
भाजपा कूच बिहार में चौंकाते हुए दूसरे स्थान पर पहुंच गई है, जबकि अन्य दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में भी उसके मत बढ़े हैं।
तृणमूल के उम्मीदवार पार्थ प्रथम राय ने अपने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी भाजपा के हेम चंद्र बर्मन को चार लाख वोटों से कूच बिहार में हराया। वाम मोर्चा के घटक दल ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के उम्मीदवार नृपेंद्रनाथ राय तीसरे स्थान पर रहे और उनकी जमानत जब्त हो गई।
तामलुक लोकसभा सीट पर तृणमूल कांग्रेस के दिब्येंदु अधिकारी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी माकपा की मंदिरा पांडा को 4.97 लाख मतों के भारी अंतर से हराया।
पांडा को 2.82 लाख वोट मिले, जबकि भाजपा के अंबुज मोहंती को 1.96 लाख वोट मिले।
तृणमूल ने बर्दवान जिले में मोटेंश्वर विधानसभा सीट पर भारी जीत दर्ज की। इसके उम्मीदवार सैकत पांजा ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी मोहम्मद उस्मान गनी को 1.27 लाख से अधिक वोटों से हराया। गनी और दूसरे उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।
इस सीट के परिणाम राजनीतिक पंडितों को चौंकाने वाले रहे, क्योंकि इस साल हुए विधानसभा चुनाव में तृणमूल ने यहां 706 मतों के बहुत कम अंतर से माकपा उम्मीदवार से जीत हासिल की थी।
माकपा के उम्मीदवार दूसरे, जबकि भाजपा उम्मीदवार विश्वजीत पोद्दार तीसरे स्थान पर रहे हैं।
कांग्रेस की दशा इन चुनावों में दयनीय रही। उसके तीनों उम्मीदवारों की सभी सीटों पर जमानत जब्त हो गई।
जीत से उत्साहित ममता ने इसे आम आदमी के विद्रोह की जीत बताया है। उन्होंने इस जीत को नरेंद्र मोदी के 500 और 1000 रुपये के नोटबंदी के खिलाफ बताया। ममता ने सभी राजनीतिक दलों से इस आर्थिक आपातकाल को लेकर विरोध करने का आग्रह किया।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने सभी तीनों चुनाव क्षेत्रों में पार्टी के मतों के बढ़ने की बात कही। इसके विपरीत विपक्षी माकपा, कांग्रेस और ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक का सफाया हो गया। घोष ने कहा कि मुख्यमंत्री ने भाजपा को राज्य की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी पार्टी कहा है। इसे हमने अपने प्रदर्शन से साबित कर दिया है।
कूच बिहार संसदीय सीट तृणमूल की रेणुका सिन्हा के निधन के बाद खाली हो गई थी, जबकि तामलुक से सांसद सुवेंदू अधिकारी के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मंत्रिमंडल में शामिल होने से यह सीट रिक्त हो गई थी।
तृणमूल के विधायक सजल पांजा के निधन के बाद मोंटेश्वर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ।