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स्लीप एपनिया से दिल को खतरा

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नई दिल्ली| स्लीप एपनिया नींद का एक विकार है, जिसमें सांस में रुकावट आने से नींद टूट जाती है। इससे पीड़ित व्यक्ति की एक घंटे में पांच से 30 बार सांस रुक सकती है। पांच में से एक वयस्क मध्यम स्लीप एपनिया से पीड़ित होते हैं। यह महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादा प्रभावित करता है। सबसे आम समस्या ऑबस्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया है, जिसमें छाती के ऊपरी हिस्से और गर्दन पर वजन पड़ने से सांस में रुकावट पैदा हो जाती है और नींद खुल जाती है।

इस बारे में जानकारी देते हुए आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने बताया, “समय के साथ नींद पूरी ना होने की वजह से दिल के रोगों की समस्या का खतरा बढ़ सकता है। थोड़े समय के लिए नींद की कमी से हाई कोलेस्ट्रोल, हाई ट्रिग्लिसेराइड्स और हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकती है।”

उन्होंने कहा, “स्लीप एपनिया में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है और दिमाग तुरंत सांस लो का संदेश भेजता है, जिससे सोते हुए व्यक्ति की नींद खुल जाती है और वह गहरी सांस लेने लगता है। इस दौरान नाड़ी तंत्र सक्रिय हो जाता है जो गुस्से या डर के समय सक्रिय होता है। दिल की धड़कन और ब्लड प्रेशर बढ़ जाते हैं, जिससे अन्य समस्याओं के साथ दिल में जलन और ब्लड क्लॉटिंग जैसी समस्या हो सकती है।”

स्लीप एपनिया से बचाव के लिए इन बातों का ध्यान रखें :

-दिन में नियमित रूप से 30 मिनट कसरत करें, लेकिन रात में सोने से पहले कसरत न करें।

-शराब का सेवन कम से कम करें, ज्यादा शराब नींद में रुकावट बनती है।

-सोने से पहले कैफीन का सेवन न करें।

-सोने से पहले गर्म पानी से नहाना, रौशनी कम करना और हर्बल चाय पीने आदि की आदत डालें।

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