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सूचना प्रौद्योगिकी का भविष्य नई खोज में है : उपराष्ट्रपति

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नोएडा| उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने यहां शनिवार को कहा कि भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी के भविष्य का विकास नई खोज, अत्याधुनिक व्यापार का परिदृश्य तैयार करने और डिजिटल बाधाएं दुरुस्त करने के क्षेत्र में है।

उपराष्ट्रपति यहां नैसकॉम के नए भवन के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के भविष्य का विकास किसी चीज के हो जाने के बाद उसका सामना करने से ज्यादा अत्याधुनिक व्यावसायिक परिदृश्य तैयार और डिजिटल बाधाओं को दुरुस्त करने के क्षेत्र में रहेगा। संक्षेप में कहें तो आपको और अधिक मौलिक होना होगा।

सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग की भूमिका के बारे में बात करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत के विकास की पिछले 25 वर्षो की विकास की कहानी में सूचना-प्रौद्योगिकी क्षेत्र का प्रमुख योगदान रहा है। इसने ब्रांड की छवि बेहतर की है, इसने रोजगार पैदा किए हैं, सकल घरेलू उत्पाद के विकास में योगदान किया है, प्रौद्योगिकी शिक्षा के क्षेत्र में रास्ता बनाया है और ई-प्रशासन में योगदान किया है।

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के विकास के प्रक्षेप पथ का खाका सही ढंग से खींचा गया है। उद्योग जगत से कुछ देर के लिए या बीच में चुनौतियां आएंगी, लेकिन सेवा मॉडल के रूप में क्लाउड कम्प्यूटिंग सॉफ्टवेयर का क्रमिक विकास हो रहा है।

उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों को स्वीकार करने के लिए निरंतर नए उत्पादों को विकसित करने की जरूरत है। अंसारी ने कहा कि उद्योग क्लाउड कंप्यूटिग की ओर जा रहे हैं, एक सेवा मॉडल के रूप में सॉफ्टवेयर में क्रमिक विकास हुआ है, नए उत्पाद विकसित करने की जरूरत है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि डिजिटल बाधाएं, यहा सॉफ्टवेयर के स्वचालन की वजह से मानवशक्ति की कम होती जरूरत समय से पूर्व या दमिर्यानी चुनौतियां आएंगी। यह आपके मौजूदा और नए ग्राहकों की तरह अब ज्यादातर सॉफ्टवेयर साझेदारों की जगह नई खोज के लिए साझेदार ढूंढेंगे।

नई खोज की मुख्य भूमिका पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स-2016 में भारत 128 देशों में 66वें स्थान पर है। सरकार देश में नई खोज के अनुकूल माहौल पैदा करने के लिए सक्रिय है।

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Dileep Kumar
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