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सल्फ्यूरिक एसिड के बादल के कारण धरती से लुप्त हुए डायनासोर

सल्फ्यूरिक एसिड के बादल, धरती से लुप्त, डायनासोरDinosaur
सल्फ्यूरिक एसिड के बादल, धरती से लुप्त, डायनासोर
Dinosaur

लंदन| लाखों बरस पहले एक छुद्रग्रह पृथ्वी से टकराया और उसके बाद आसमान में सल्फ्यूरिक एसिड की छोटी-छोटी बूंदों के बादल छा गए। इसके कारण यहां कई वर्षो तक अंधेरा छाया रहा और ठंड बनी रही। इसके परिणामस्वरूप धरती से डायनासोर विलुप्त हो गए। यह खुलासा एक अध्ययन में हुआ है।

यह अध्ययन जर्मनी के पोटसडेम इंस्टीट्यूट फोर क्लाइमेट इम्पैक्ट रिसर्च (पीआईके) ने किया है। अध्ययन में पाया गया कि छोटी-छोटी बूंदों के कारण लंबे समय तक ठंड बनी रही, और संभवत: इसी कारण डायनासोर समाप्त हो गए।

पीआईके के जॉर्ज फ्यूलनर ने कहा, “वातावरण में सल्फेट के बादल के कारण लंबे समय तक रही ठंड की भूमिका, अपेक्षाकृत अल्प अवधि तक वातावरण में रहे धूल कणों के मुकाबले डायनासोर के सफाए में अधिक रही है।” वैज्ञानिकों ने पाया कि जलवायु को सुधरने में 30 साल लग गए।

अध्ययन में कहा गया है, “डायनासोर प्रचुर जलवायु में रहते थे। छुद्रग्रह के प्रभाव के बाद लगभग तीन साल तक वार्षिक औसत तापमान जमाव बिंदु से नीचे बना रहा। इसके कारण बर्फ की चादर बिछ गई। यहां तक कि उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में भी वार्षिक औसत तापमान 27 डिग्री से लुढ़कर पांच डिग्री हो गया।”

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