Top Newsमुख्य समाचार

शिवसेना के विरोध से उकताई बीजेपी तोड़ सकती है नाता

बीजेपी शिवसेना के तल्‍ख रिश्‍ते, देवेंद्र फड़णवीस और उद्धव ठाकरे, बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी पर हमलावर   देवेंद्र फड़णवीस और उद्धव ठाकरे

महाराष्‍ट्र की बीजेपी सरकार का लगातार विरोध करती है शिवसेना

मुंबई। महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार को समर्थन दे रही शिवसेना से बीजेपी के लगातार तल्‍ख होते रिश्‍ते अब निर्णयात्‍मक स्थिति में पंहुच चुके हैं। दोनों पार्टियों के बीच काफी वक्त से जारी राजनैतिक विरोध अब बर्दाश्‍त की हद से बाहर जा चुका है।

बीजेपी शिवसेना के तल्‍ख रिश्‍ते, देवेंद्र फड़णवीस और उद्धव ठाकरे, बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी पर हमलावर   
देवेंद्र फड़णवीस और उद्धव ठाकरे

शिवसेना काफी वक्त से बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी पर हमलावर रही है, हालांकि बीजेपी ने अभी तक बेहद सधी हुई प्रतिक्रिया ही दी है। लेकिन अब ऐसा आगे भी जारी रहने की उम्मीद कम है।

इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि बीजेपी जल्द ही अपने दशकों पुराने सहयोगी शिवसेना से रिश्ते खत्म कर सकती है। बीजेपी के इस नए रुख का खुलासा गुरुवार को पार्टी की कोर कमिटी की बैठक के बाद हुआ।

सीएम देवेंद्र फडणवीस, प्रदेश अध्यक्ष राव साहब दन्वे, एजुकेशन मिनिस्टर विनोद तावड़े और ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे ने राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल के घर पर बैठक की। बैठक में शिवसेना द्वारा प्रदेश सरकार के फैसलों पर लगातार किए जाने रहे हमले के मुद्दे पर चर्चा की गई।

मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इस राय मशविरे में पार्टी के सामने दो विकल्प उभरकर सामने आए। पहला यह कि मध्यावधि चुनाव में जाया जाए और दूसरा यह कि कांग्रेस और एनसीपी के विधायकों को अपने पाले में किया जाए।

बता दें कि महाराष्‍ट्र में बीजेपी के पास 288 विधानसभा वाले सदन में 122 सदस्य हैं। बहुमत के आंकड़े से उसके पास 23 विधायक कम हैं। हालांकि, पार्टी के पास छोटी पार्टियों और निर्दलीयों के 20 विधायकों में से 13 का समर्थन हासिल है।

ऐसे में सरकार को सदन में अपना बहुमत साबित करने के लिए महज 10 विधायकों की जरूरत है। अगर बीजेपी के पाले में ये विधायक आ जाते हैं तो उसे शिवसेना के 63 विधायकों का समर्थन लेने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।

यह भी पढ़ें- सांसद की दादागिरी, एयर इंडिया कर्मी को मारी 25 चप्पल, एफआईआर दर्ज

भाजपा की इस हालिया बैठक में कोई ठोस नतीजा तो नहीं निकला, लेकिन इस बात पर सहमति बनी कि बजट के दौरान वोटिंग में शिवसेना के बर्ताव पर नजर रखी जाए। बीजेपी यह भी देखेगी कि क्या शिवसेना किसानों की कर्ज माफी के नाम पर विपक्ष की ओर से आयोजित राज्यव्यापी यात्रा में शामिल होती है कि नहीं?

यह यात्रा कांग्रेस और एनसीपी का है, जो 29 मार्च को विदर्भ के चंद्रपुर से कोंकण के बांदा तक निकाली जाएगी। हालांकि, शिवसेना प्रवक्ता हर्शल प्रधान ने अपनी पार्टी के इस मार्च में शामिल होने की संभावनाओं को सिरे से खारिज कर दिया।

=>
=>
loading...