नई दिल्ली | राज्यसभा में विपक्ष के नेताओं ने बुधवार को नोटबंदी पर उनके विचारों को सुनने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राज्यसभा में मौजूदगी की मांग की। यह मांग सबसे पहले बहुजन समाज पार्टी(बसपा) प्रमुख मायावती ने की और बाद में कांग्रेस नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने इसका समर्थन किया।
मायावती ने कहा, “नोटबंदी एक बहुत संवेदनशील और महत्वपूर्ण मुद्दा है। प्रधानमंत्री को इस सदन में आना चाहिए और इस पर हमलोगों की बातें सुननी चाहिए।”
आजाद ने कहा, “अक्सर प्रधानमंत्री कहते हैं और हम सब सुनते हैं। वह टेलीविजन पर बोलते हैं, रेडियो पर बोलते हैं लेकिन यही मीडिया हमलोगों के लिए उपलब्ध नहीं है। ऐसा कोई रास्ता नहीं जिसके जरिए हमलोग प्रधानमंत्री तक अपनी बात पहुंचा सकें।”
उन्होंने कहा कि इसलिए हम लोग मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री को राज्यसभा में बैठकर विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं को सुनना चाहिए।
आजाद ने शिकायत की कि सर्वदलीय बैठक में भी प्रधानमंत्री तब पहुंचे जब सभी प्रमुख दलों के नेता बोल चुके थे।
उन्होंने कहा, “यदि प्रधानमंत्री हमारी बात सुनेंगे तो मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि गलतफहमी को दूर किया जा सकता है। विपक्ष और सरकार के बीच संवाद में बहुत कमी है।”