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वाराणसी भगदड़ में अब तक 25 मरे

जयगुरुदेव की जयंती, वाराणसी भगदड़, अब तक 25 मरेstampede in varanasi
जयगुरुदेव की जयंती, वाराणसी भगदड़, अब तक 25 मरे
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वाराणसी| आध्यात्मिक गुरु दिवंगत जयगुरुदेव की जयंती पर आयोजित समागम में हिस्सा लेने जा रहे श्रद्धालुओं की भीड़ में शनिवार को मची भगदड़ में रविवार को मृतकों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है। गंभीर रूप से घायल सात लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं। मृतकों में 20 की शिनाख्त कर ली गई है।

जयगुरुदेव की संस्था की ओर से वाराणसी से सटे चंदौली में गंगा किनारे एक गांव में समागम आयोजित किया गया था। हादसे के बाद रविवार को मृतकों को श्रद्धांजलि और पीड़ितों के लिए प्रार्थना के साथ समागम को संक्षिप्त करते हुए पूरा किया गया।

इस बीच शनिवार देर रात उत्तर प्रदेश सरकार ने इस हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए पांच पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया। इनमें एसपी सिटी सुधाकर यादव, एसपी ट्रैफिक कमल किशोर, सीओ कोतवाली राहुल मिश्रा और एसएचओ रामनगर एवं एसएचओ मुगलसराय शामिल हैं।

वाराणसी सदर की परगनाधिकारी (एसडीएम) आरेका अखौरी ने कहा कि एक घायल ने शनिवार देर रात अस्पताल में दम तोड़ दिया और इसके साथ ही इस हादसे में मृतकों की संख्या 25 हो गई है। मृतकों में 20 महिलाएं और पांच पुरुष शामिल हैं। इस हादसे में शनिवार को 24 लोगों की मौत हो गई थी।

मृतकों की पहचान दिल्ली से आए नवल किशोर मिश्रा, सावित्री मिश्रा, राजवती, रामवती, सुमित्रा और विभा देवी के रूप में, राजस्थान से आए रामपत्ती देवी, दशतार्थ सिंह, पृथ्वीपाल सिंह, इसरती देवी, सुशीला देवी और मल्लू देवी के रूप में तथा मध्य प्रदेश से आए पृथ्वीपाल, अशोक कुमार, कमलेश देवी, कामिनी, सरला देवी, सोहन लाल, इंदू और केशवती के रूप में हुई है। आरेका अखौरी ने कहा कि हादसे में अब सिर्फ सात घायल ही अस्पतालों में भर्ती हैं।

उन्होंने कहा, “ज्यादातर को मामूली चोटें आई थीं, और उन्हें प्रारंभिक उपचार के बाद शनिवार को ही छुट्टी दे दी गई। गंभीर रूप से घायल नौ लोगों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा था, जिनमें से दो को रविवार को छुट्टी दे दी गई। अब मात्र सात लोगों का इलाज अस्पतालों में चल रहा है। इनमें से दो रामनगर के लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में भर्ती हैं, और पांच बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर में हैं।”

अखौरी ने कहा कि समागम के आयोजकों ने रविवार को संक्षिप्त में ही अपना कार्यक्रम संपन्न कर लिया, और अब श्रद्धालु अपने-अपने घरों के लिए रवाना हो गए हैं। श्रद्धालुओं की भारी संख्या के कारण रविवार को भी वाराणसी शहर में चारों तरफ जाम की स्थिति बनी रही। प्रशासन श्रद्धालुओं के सुरक्षित घर लौटने की सुचारु व्यवस्था में जुटा है। उल्लेखनीय है कि चंदौली जिले में गंगा किनारे स्थित डोमरी गांव में बाबा जयगुरुदेव की स्मृति में रविवार से दो दिवसीय जागरूकता शिविर आयोजित किया गया था।

शिविर में हिस्सा लेने देशभर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु वाराणसी पहुंचे थे। ये श्रद्धालु पीली कोठी से होते हुए डोमरी गांव जा रहे थे। इसी दौरान गंगा नदी पर राजघाट पर बने पुल पर अपराह्न् लगभग 1.30 बजे अचानक भीड़ में भगदड़ मच गई, और 25 लोगों की मौत हो गई।

जिला प्रशासन ने हादसे के लिए समागम के आयोजक और जय गुरुदेव के उत्तराधिकारी आचार्य पंकज को जिम्मेदार ठहराया है। जबकि आचार्य पंकज ने दुर्घटना के लिए जिला प्रशासन की विफलता को जिम्मेदार ठहराया है।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वाराणसी के मंडायुक्त की निगरानी में घटना की मजिस्ट्रेट से जांच कराने का आदेश दिया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। उल्लेखनीय है कि वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र हैं।

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