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राज्यपाल ने किया पर्यावरण पर दो दिवसीय संगोष्ठी का उद्धघाटन

पर्यावरण पर दो दिवसीय संगोष्ठी , राज्यपाल राम नाईक, स्किल इण्डिया कार्यक्रम, सीएसआईआर-भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थानGovernor Ram naik releasing the Hindi Magazine
पर्यावरण पर दो दिवसीय संगोष्ठी , राज्यपाल राम नाईक, स्किल इण्डिया कार्यक्रम, सीएसआईआर-भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान
Governor Ram naik releasing the Hindi Magazine

लखनऊ। सीएसआईआर-भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान, (सीएसआईआर-आईआईटीआर) लखनऊ में दो दिवसीय राष्ट्रीय वैज्ञानिक संगोष्ठी का शुभारंभ 20 अक्टूबर को हुआ। संगोष्‍ठी का विषय “पर्यावरण प्रदूषण: कारण एवं  निवारण” रखा गया है। संगोष्‍ठी के मुख्य अतिथि राज्यपाल राम नाईक थे। उन्होंने संस्थान द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी की प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया। राज्यपाल ने संस्थान में वृक्षारोपण भी किया। राष्ट्र्गीत के पश्चात दीप प्रज्‍ज्‍वलित कर संगोष्ठी का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर संस्थान से प्रकाशित राजभाषा पत्रिका ”विषविज्ञान संदेश” के अंक 25 और 26, वर्ष 2016-17 का विमोचन भी हुआ।

अपने संदेश में राज्यपाल राम नाइक ने कहा कि औद्योगीकरण, नगरीकरण तथा विकास की तीव्र गति से पर्यावरण को क्षति पहुँची है और इसके संरक्षण का दायित्वम भारत सरकार, राज्य  सरकार एवं सभी पर है।  पर्यावरण प्रदूषण, इसके कारण एवं निराकरण की खोज करना वैज्ञानिकों के लिए एक चुनौती है।  उन्होने वैज्ञानिकों, शोध छात्रों से आग्रह किया कि इस राष्ट्रीनय वैज्ञानिक संगोष्ठी। चर्चा करके निदान हेतु एक रिपोर्ट राज्यो सरकार एवं केन्द्रइ सरकार को भेजी जानी चाहिए।  आवश्यकता है कि सभी मिलकर पर्यावरण संरक्षण के कार्य में सक्रिय सहयोग करें। राज्यपाल ने चन्द्र  मोहन तिवारी, हिंदी अधिकारी, आईआईटीआर को राजभाषा कार्यान्वयन में उत्कृष्ट कार्य हेतु प्रतीक चिह्न प्रदान किया।

सीएसआईआर-आईआईटीआर के निदेशक प्रोफेसर आलोक धवन ने अपने संबोधन में मुख्य अतिथि राम नाईक के 50 वर्षों से अधिक जनसाधारण के कल्याण एवं पर्यावरण सुरक्षा हेतु उल्लेखनीय योगदान का विवरण दिया। उन्होने संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा पर्यावरण प्रदूषण एवं इसके निराकरण हेतु किए गए कार्यों की चर्चा की और बताया कि कैसे यह संस्थान पर्यावरण निगरानी, खाद्य सुरक्षा और पेयजल योजनाओं में विशेष योगदान दे रहा  है।

उन्होने यह भी कहा कि संस्थान स्किल इण्डिया कार्यक्रम के तहत देश के 10 से अधिक प्रदेशों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कर्मियों को प्रशिक्षण दे चुका है। इसके अलावा उत्‍तर प्रदेश जल संस्थांन एवं उत्तडर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कर्मचारियों को निरंतर सहयोग दिया जा रहा है। इस संस्था न द्वारा प्रकाशित पर्यावरण निगरानी रिपोर्ट (इन्वायरोन्मेन्टलल मॉनीटरिंग रिपोर्ट) से स्थाथनीय प्रशासन को नगरीय पर्यावरण प्रबंधन हेतु दिशा-निर्देश लागू करने में सहायता मिली है।

इससे पूर्व प्रात: प्रोफेसर भूमित्र देव, पूर्व कुलपति का विशिष्ट व्याख्यान आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हेतु गंभीर प्रयास करने की आवश्यकता है और नए अनुसंधान और उपाए किये जाने चाहिए ताकि प्राकृतिक असंतुलन न हो। उन्होंने वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि अपने शोध कार्यों को जन साधारण तक सरल भाषा में पहुंचाएं जिससे आम आदमी भी पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय भागीदारी कर सके।

इस दो दिवसीय संगोष्ठी में सीएसआईआर की 16 प्रयोगशालाओं, 4 अन्य अनुसंधान और विकास संस्थानों एवं 9 विश्वविद्यालयों से 100 से अधिक वैज्ञानिक-गण, शोध छात्र प्रदूषण जैसी ज्वलंत समस्या और इसके कारण तथा निवारण के बारे में चर्चा हेतु भाग ले रहे हैं।

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