नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘कब्रिस्तान और श्मशान भूमि’ को लेकर दिए गए ‘विवादास्पद’ बयान की निर्वाचन आयोग (ईसी) से शिकायत करने के फैसले से कांग्रेस पीछे हट गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि निर्वाचन आयोग को इस पर खुद संज्ञान लेना चाहिए, क्योंकि इसका उसके पास संवैधानिक अधिकार है, वहीं पार्टी की कानूनी शाखा के प्रमुख के.सी.मित्तल ने कहा कि कुछ वरिष्ठ नेताओं के उपलब्ध न होने के कारण फैसले को रद्द करना पड़ा।
शर्मा ने कहा, “निर्वाचन आयोग को यह सोचना चाहिए कि मोदी के भाषण पर वह क्या कार्रवाई करेगा। वह कोई आम संस्थान नहीं है। उसने चुनाव से पहले चेतावनी भी दी थी कि वह इस तरह के चुनाव प्रचार की मंजूरी नहीं देगा, जो विभाजनकारी हो।”
शर्मा ने कहा कि मोदी को लोगों को भड़काना नहीं चाहिए औ्रर अस्वीकार्य भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
मित्तल ने हालांकि आईएएनएस से कहा कि कुछ कठिनाइयां थीं, जिसके कारण कांग्रेस द्वारा निर्वाचन आयोग का दरवाजा खटखटाने के फैसले को रद्द करना पड़ा।
उन्होंने आईएएनएस से कहा, “बैठक स्थगित कर दी गई है। आज (सोमवार) यह संभव नहीं है, कुछ कठिनाइयां हैं। हम इसे बाद में देखेंगे। निर्वाचन आयोग के साथ शाम 5.30 बजे बैठक थी और इसकी पुष्टि नहीं की गई। इसके अलावा, हमारे कुछ नेता उपलब्ध नहीं थे।”
यह पूछे जाने पर कि क्या नेताओं के उपलब्ध होने पर पार्टी बाद में निर्वाचन आयोग जाएगी, मित्तल ने कहा, “हम इसके बारे में आपको सूचना दे देंगे।”
सोमवार सुबह मित्तल ने कहा, “हम मोदी के विवादास्पद बयान को लेकर आज निर्वाचन आयोग जाएंगे।”
मोदी ने रविवार को उत्तर प्रदेश में एक रैली को संबोधित करते हुए राज्य सरकार पर भेदभाव की राजनीति करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि एक तरफ जहां राज्य सरकार भेदभावपूर्ण नीतियां अपनाती है, वहीं केंद्र में उनकी सरकार की योजनाओं से हर जाति व धर्म के लोगों को लाभ मिलता है। इसमें कोई भेद नहीं किया जाता।
मोदी ने रविवार को फतेहपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा था, “यदि एक गांव को कब्रिस्तान के लिए पैसा उपलब्ध कराया जाता है तो उसे श्मशान भूमि के लिए भी पूंजी उपलब्ध कराई जानी चाहिए। यदि आप ईद के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति कराते हैं तो आपको होली के लिए भी ऐसा करना चाहिए।”