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मोदी ईमानदार हैं तो अपने सांसदों-विधायकों से 10 महीने का हिसाब मांगें : मायावती

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मायावती

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह एक सोची समझी साजिश के तहत ही अपने सांसदों व विधायकों से बैंक खातों के लेनदेन का हिसाब मांग रहे हैं। मायावती ने कहा कि यदि मोदी सही मायने में ईमानदार हैं तो वे अपने सांसदों व विधायकों से बैंक खातों के पिछले 10 महीनों का हिसाब मांगें।

लखनऊ में मॉल एवेन्यू स्थित पार्टी कार्यालय में मायावती ने कहा, यदि मोदी सही मायने में ईमानदार हैं तो वह सांसदों व विधायकों से आठ नवंबर से 31 दिसंबर तक की बजाय, पिछले 10 महीनों में उनके खातों में से हुए लेनदेन की जानकारी मांगें, जिससे सबकुछ साफ हो जाएगा। मायावती ने कहा कि भाजपा के सांसदों व विधायकों ने नोटबंदी के पहले ही अपने कालेधन को जमीन खरीदकर सफेद कर लिया है।

कालेधन को लेकर लोकसभा में लाए गए विधेयक पर भी मायावती ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जब प्रधानमंत्री मोदी को कालेधन वालों से 50 फीसदी रकम लेकर इसी तरह से समझौता करना था, तब उन्होंने नोटबंदी जैसा कड़ा फैसला लेकर लोगों की परेशानियां क्यों बढ़ा दी। मोदी के इस फैसले से लोग अपना पैसा निकालने के लिए तरस गए हैं। लोगों के लिए आटा-सब्जी खरीदना तक मुश्किल हो गया है।

प्रधानमंत्री पर हमला बोलते हुए बसपा प्रमुख ने कहा कि मोदी की सरकार बने हुए लगभग ढाई वर्ष बीत गए हैं। मोदी अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं तो केंद्र में अभी तक लोकपाल की नियुक्ति क्यों नहीं हो पाई? मायावती ने कहा कि मोदी यदि कालाधन व भ्रष्टाचार को लेकर वाकई ईमानदार होते तो केंद्र में लोकपाल का गठन हो गया होता। इसके लिए वर्ष 2014 में ही कानून बन गया था। इसी से समझा जा सकता है कि मोदी का इरादा नेक नहीं है, उनकी कथनी और करनी में भरी अंतर हमेशा से रहा है।

बसपा अध्यक्ष ने कहा, मोदी ठीक उसी तरह का रवैया अपना रहे हैं, जिस तरह उन्होंने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए किया था। गुजरात में भी उन्होंने लोकायुक्त को एक तरह से पंगु बना दिया था। वैसा ही काम वह केंद्र में बैठकर कर रहे हैं। मायावती ने कहा कि मोदी सिर्फ पूंजीपतियों व देश के धन्नासेठों को फायदे पहुंचाने के जुगाड़ में लगे हुए हैं। उनके इस जुगाड़-तंत्र में गरीब जनता पिस रही है। यदि वे ईमानदार होते तो कालेधन के तहत 1000 करोड़ से अधिक धनराशि को वह गरीबों व मजदूरों के बीच बांट देते।

उप्र की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी ने जनता से वादा किया था कि विदेशों में जमा कालाधन लाकर प्रत्येक गरीब के खाते में 15 लाख रुपये जमा कराएंगे, लेकिन वह देश के बाहर से कालाधन लाने के बजाय नोटबंदी जैसा पीड़ादायक कदम उठाकर जनता का ध्यान भटकाया है।

उन्होंने कहा कि 2014 में हुए लोकसभा के चुनाव में मोदी ने देश के लोगों से कई वादे किए थे। उन्होंने वादा किया था कि लोगों को सस्ती दर पर 24 घंटे बिजली देंगे, दो कमरे का मकान देंगे, किसानों के लिए हितकारी योजनाएं चलाएंगे, लेकिन ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया।

मायावती ने कहा कि नोटबंदी का फैसला मोदी सरकार के लिए काफी घातक साबित होगा। सरकार खुद मुसीबत में फंस से बाहर निकलने के लिए प्रधानमंत्री रोज नई-नई तरकीब लेकर आ रहे हैं और रोज नए नए नियम बनाए जा रहे हैं।

बसपा अध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि नोटबंदी के फैसले के बाद नोट वितरण के मामले में भी केंद्र की सरकार गैरभाजपाई राज्यों के साथ भेदभाव कर रही है। गैरभाजपाई राज्यों को पर्याप्त मात्रा में पैसा नहीं दिया जा रहा है।

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